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छत्तीसगढ़ की काशी कहे जाने वाले लक्ष्मणेश्वर मंदिर में उमड़ेगी भक्तों की भीड़

 






कोरबा/जांजगीर-चांपा, 26 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के खरौद स्थित लक्ष्मणेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से भी जाना जाता है और भगवान राम द्वारा स्थापित स्वयंभू शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।इस मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता बहुत अधिक है। यह मंदिर रामायण काल से जुड़ा हुआ है और भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण द्वारा खर और दूषण के वध के बाद महादेव की स्थापना की गई थी।

लक्ष्मणेश्वर मंदिर में एक लाख छिद्रों वाला शिवलिंग स्थित है, जिसे लक्षलिंग या लखेश्वर भी कहा जाता है। एक ऐसा छेद भी है जो पाताल से जुड़ा होने की मान्यता है, और इस शिवलिंग में डाला गया पानी पाताल में समा जाता है।महाशिवरात्रि के मौके पर भक्त यहां एक लाख सफेद चावल एक कपड़े में भरकर चढ़ाते हैं, जिसे ‘लक्ष्य’ या ‘लाख चावल’ भी कहा जाता है। यह मंदिर शारीरिक और मानसिक शांति की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण स्थल है।इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां के शिवलिंग में एक लाख छिद्र हैं, जो इसकी अद्वितीयता को दर्शाते हैं। इसके अलावा, मंदिर के पास स्थित जलकुंड की भी विशेष महत्ता है, जो पाताल से जुड़ा होने की मान्यता है।

महाशिवरात्रि के अवसर पर लक्ष्मणेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और भक्तों को महादेव के दर्शन का अवसर मिलेगा। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 120 किलोमीटर और शिवरीनारायण से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

महाशिवरात्रि के अवसर पर लक्ष्मणेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है ।प्रशासन द्वारा भक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है ।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी