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ग्वालियर में सिंधिया के पैर पकड़कर महिला सरपंच ने बयां किया अपना दर्द, लगाई न्याय की गुहार

 


ग्वालियर, 22 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार को उस वक्त एक अजीब नजारा देखने को मिला, जब केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पैरों में एक आदिवासी महिला अपने पति के साथ रोती हुई गिर गई। वह बार-बार महाराज न्याय दिलाओ की गुहार लगाती नजर आई। उसने केंद्रीय मंत्री सिंधिया को अपना दर्द कागज के पन्नों पर लिख कर दिया, जिसमें कानून और अधिकारियों पर सीधे सवाल उठाया।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने शनिवार को अपने निवास जयविलास पैलेस पर आम लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुन रहे थे। इस दौरान शिवपुरी जिले से एक दर्जन से अधिक आदिवासी भी पहुंचे, जिनमें पोहरी जनपद क्षेत्र के उपसिल गांव की आदिवासी महिला सरपंच कुसमा बाई भी शामिल थीं। सिंधिया के पास पहुंचकर आदिवासी महिला सरपंच और उनका पति उनके पैरों में गिर गए और पैर पकड़कर महाराज न्याय दिलाओ की गुहार लगाने लगे। सिंधिया ने उनसे उनका आवेदन लिया और उनकी परेशानी दूर करने का आश्वासन दिया।

अधिकारी बड़े लोगों के कहने पर चलते हैं: कुसमा बाई

उपसिल गांव की सरपंच कुसमा बाई ने बताया कि वह विशेष पिछड़ी सहरिया जनजाति से आती है और पढ़ी-लिखी नहीं है। इसका फायदा उठाकर उनकी ग्राम पंचायत का सचिव मस्तराम धाकड़ जबरन कागजों पर अंगूठा लगाने का दबाव बनाता है। विरोध किया तो वह उन्हें पद से हटवाने की धमकी देता रहा और आखिरकार उसने पंचायत के पंचों की खरीद फरोख्त और डरा धमका कर उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला दिया।

उन्होंने बताया कि सचिव की राजनीति में पकड़ है, जिसके चलते मेरे आवेदनों पर कोई कार्यवाही और सुनवाई नहीं की गई। जिसे देख अब ऐसा लगने लगा है कि आपका कानून और आपके अधिकारी सिर्फ बड़े लोगों के कहने पर ही चलते हैं। आम आदमी के लिए न्याय भी अब बड़े लोगों की इच्छा पर निर्भर हो गया है। लिहाजा एक बार फिर गुहार लगाती हूं कि मेरे खिलाफ पंचायत सचिव द्वारा षडयंत्रपूर्वक लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में बहुमत साबित करने के लिए एक माह का समय दिया जाए।

ग्वालियर से अपहृत 6 साल के शिवाय से भी मिले सिंधिया

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को दोपहर में हाल ही अपहरण किए गए छह साल के बच्चे शिवाय गुप्ता के घर उससे मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बच्चा बड़ा होकर प्रदेश का नवरत्न बनेगा। छह साल की उम्र में इतनी वीरता और बहादुरी के साथ संकट की घड़ी का सामना किया। यह अपने आप में बहुत बड़ा काम है।

गौरतलब है कि शिवाय का गत 13 फरवरी को मुरार की सीपी कॉलोनी दिनदहाड़े अपहरण हो गया था। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी की तो बदमाश उसे मुरैना के काजी बसई गांव में छोड़कर भाग गए थे। बच्चे के मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने वीडियो कॉल पर परिवार से बातचीत की थी। साथ ही वादा किया था कि वह जल्द शिवाय से मिलने उनके घर आएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर