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खंडवा में वोटर लिस्ट अपडेट पर हंगामा, मुस्लिम वार्डों में बढ़ी चिंता

खंडवा शहर में वोटर लिस्ट के अद्यतन को लेकर मुस्लिम बहुल वार्डों में भारी हलचल मची हुई है। मतदाता अपनी पहचान को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि कई नाम सूची में नहीं मिल रहे हैं। कलेक्टर ने स्थिति का जायजा लिया और आश्वासन दिया कि किसी भी योग्य नागरिक का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। प्रशासन ने फॉर्म भरने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
 

खंडवा में वोटर लिस्ट की समस्या


खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में मतदाता सूची के अद्यतन को लेकर भारी हलचल मची हुई है। विशेष रूप से मुस्लिम बहुल वार्डों में लोग सबसे अधिक चिंतित हैं। मतदाताओं का कहना है कि उनके नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहे हैं या फिर उनके परिवार के सदस्यों के नाम अलग-अलग वार्ड में दर्ज हो गए हैं। इस स्थिति के कारण लोगों में गुस्सा और बेचैनी बढ़ रही है। कई परिवार रात भर फॉर्म भरने और अपने नाम खोजने में लगे हुए हैं।


निर्वाचन आयोग की विशेष प्रक्रिया

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 4 नवंबर से विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रशासनिक स्तर पर तेजी से कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में कई तकनीकी और मानव संसाधन संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि 20 साल पुरानी सूची में शादीशुदा महिलाओं के नाम नहीं मिल रहे हैं। कई परिवारों में पति का नाम तो है, लेकिन पत्नी का नाम नहीं है। कई स्थानों पर बीएलओ द्वारा गणना पत्रक समय पर वितरित नहीं किए गए, जिससे लोगों को अपने नाम पहचानने में घंटों लग रहे हैं।


कलेक्टर की सक्रियता

क्यों कलेक्टर को आना पड़ा?


मुस्लिम वार्डों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। लोगों का कहना है कि यदि फॉर्म समय पर जमा नहीं हुए तो उनके नाम वोटर लिस्ट से हट सकते हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए खंडवा के कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने शुक्रवार रात खानशाहवली का दौरा किया। उन्होंने वहां उपस्थित BLOs और नागरिकों से सीधे संवाद किया। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि किसी भी योग्य नागरिक का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा।


कलेक्टर के निर्देश

क्या दिए निर्देश?


कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ऐप में तकनीकी समस्याओं को देखते हुए BLO को रात में भी घर-घर जाकर फॉर्म जमा करने का कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी का नाम 2003 की सूची में नहीं है, तो वह अपने माता-पिता या दादा-दादी का नाम दर्ज कर सकते हैं। यदि इसके बाद भी नाम नहीं मिलता है, तो 4 दिसंबर के बाद विशेष पुनरीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर की इस घोषणा पर जुबेदा हॉल में उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।


वर्तमान स्थिति

अब तक 10,29,806 में से 4,29,713 फॉर्म यानी 41.73 प्रतिशत अपडेट किए जा चुके हैं। कलेक्टर का दावा है कि 4 दिसंबर तक 100 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मुस्लिम समुदाय भी रात में लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट कर रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति अपना फॉर्म भरने से न चूके।