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पूरे असम में श्रद्धा के साथ मनायी जा रही महाशिवरात्रि पूजा

 


गुवाहाटी, 26 फरवरी (हि.स.)। सम्पूर्ण राज्य में महाशिवरात्रि पूजा की धूम मची हुई है। गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा हुआ है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमशंकर महादेव की पूजा अर्चना के लिए राज्य के दूरदाज के क्षेत्रों से श्रद्धालु भक्त पहुंचे हुए हैं। बीते कई दिनों से यहां पूजा आयोजन की तैयारी चल रही थी। इसके साथ ही राज्य के प्रया: सभी छोटे बड़े शिव मंदिरों में महासभा शिवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है।

शिवसागर से मिली खबरों के अनुसार पूरे राज्य के साथ-साथ शिवसागर में भी महाशिवरात्रि उत्सव आज बड़े उत्साह और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। हजारों भक्तों ने ऐतिहासिक शिवदौल में सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े होकर पूजा-अर्चना की।

शिवसागर के ऐतिहासिक शिवदौल में यह उत्सव चार दिनों तक मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत मंगलवार से हुई है। आज सुबह जोरहाट लोकसभा क्षेत्र के सांसद गौरव गोगोई ने भी शिवदौल में पूजा-अर्चना की।

स्थानीय प्रशासन ने उत्सव के दौरान सुचारू व्यवस्था और सुरक्षा के सभी प्रबंध किए हैं, जिससे शहर में एक उत्सवपूर्ण माहौल बना हुआ है। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, इन दिनों में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि महा शिवरात्रि हिंदू धर्मावलंबियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस विशेष दिन पर भक्त उपवास रखते हैं, शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और अपने साथ-साथ देश और समाज की शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना करते हैं।

पिछले वर्षों की तरह, इस बार भी उत्सव के साथ एक बड़े मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें स्थानीय और बाहरी राज्यों से आए अनेक व्यावसायिक संस्थानों ने भाग लिया है। यह उत्सव 28 फरवरी को समाप्त होगा। इस अवसर पर, शिवसागर जिला प्रशासन ने 27 फरवरी को स्थानीय अवकाश के रूप में घोषित किया है।

महाशिवरात्रि 2025 के अवसर पर, भक्तों के लिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियमों की जानकारी महत्वपूर्ण है। इस वर्ष, महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे होगी और इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे होगा। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की पूजा, रुद्राभिषेक और व्रत का विशेष महत्व होता है। महाशिवरात्रि पर रात्रि के चार प्रहरों में पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें हर प्रहर की विशेष पूजा विधि होती है। निशिता काल पूजा मुहूर्त 27 फरवरी को मध्य रात्रि 12:27 बजे से रात 1:16 बजे तक रहेगा।

महाशिवरात्रि के दिन, भक्तजन 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हैं और रात्रि में जागरण कर शिव पुराण का पाठ करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और भक्तों के समस्त कष्ट दूर होते हैं। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है, बल्कि समाज में एकता और समरसता का भी संदेश देता है।

इस महाशिवरात्रि पर, भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत के माध्यम से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का प्रयास करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश