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हिमाचल के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम शुरू

 

शिमला, 25 फरवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के विभिन्न राजकीय इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में नए डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीकी शिक्षा से लैस करना और उन्हें भविष्य में बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार काे बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने कई प्रमुख पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी है। इनमें जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां स्थित राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस का नया डिग्री कोर्स, जिला शिमला के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स और जिला मंडी के राजकीय पॉलिटेक्निक सुंदरनगर में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग) का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की स्वीकृति दी है।

प्रवक्ता ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस आज के समय में सबसे तेजी से उभरते हुए क्षेत्र हैं। इन तकनीकी क्षेत्रों में उद्योगों और औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, सामाजिक प्रक्रियाओं को डाटा के माध्यम से संचालित किया जा रहा है और एआई और डाटा साइंस के कौशल की बड़ी मांग है। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें और समाज में नवाचार के जरिए सार्थक योगदान दे सकें।

उन्हाेंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस से संबंधित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को डाटा का विश्लेषण करने और सूचना प्रौद्योगिकी आधारित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करेंगे। यह युवाओं के लिए उज्जवल भविष्य के अपार अवसरों के द्वार खोलेगा।

अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान प्रगतिनगर में शुरू होने वाला सिविल इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रम युवाओं को उच्च वेतन और व्यावसायिक प्रगति के अवसर प्रदान करेगा। प्रशिक्षित युवा इस नए एज पाठ्यक्रम के माध्यम से अधोसंरचना के निर्माण में अपना योगदान देंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था भी की है, ताकि विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके। इन पाठ्यक्रमों से राज्य के युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे और वे तकनीकी क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाते हुए प्रदेश की समृद्धि में योगदान करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा