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विशेष शिक्षा के दो वर्षीय पाठ्यक्रम होंगे बंद : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नया 4 वर्षीय पाठ्यक्रम तैयार, नए प्रावधान होंगे लागू

 


जोधपुर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सामान्य शिक्षा के साथ ही विशेष शिक्षा में भी नवीन प्रावधान आगामी शिक्षा सत्र से लागू किए जाएंगे। भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा संचालित 2 वर्षीय विशेष शिक्षा शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम अब 4 वर्षीय समेकित पाठ्यक्रम के रूप में परिवर्तित किए जाएंगे।

केंद्रीय पुनर्वास मंत्री वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में पुनर्वास परिषद के पदाधिकारी, विशेष शिक्षा विशेषज्ञ और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रशासकों ने भाग लिया। नीतिगत मसौदे पर चर्चा के बाद अंतिमीकरण किया गया कि इन पाठ्यक्रमों में शिक्षा सत्र 2025-26 से होने वाले सभी प्रवेश इसी अनुरूप होंगे। जोधपुर जिले में इस समय विशेष शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध करवाने वाले 14 संस्थान कार्यरत है। शिक्षाविद एवं मोटिवेशनल स्पीकर तथा शिक्षा मनौविज्ञानिक डॉ बी एल जाखड़ ने बताया कि इस व्यवस्था से विशेष शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शैक्षिक प्रशिक्षण दिए जा सकेंगे। यद्यपि यह निर्णय काफी विलंब से लिया गया है जिससे शिक्षण संस्थान अपनी कार्य योजना बनाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं साथ ही वे विद्यार्थी भी अपने आप को असमंजस की स्थिति में पाते हैं जिन्होंने इस वर्ष विशेष शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं लिया। विशेष शिक्षा शिक्षक संघ की प्रियंका कंवर ने बताया कि यह निर्णय काफी देर से लिया गया है। श्रवण बाधित शिक्षा के विशेषज्ञ डॉ शेषनाथ यादव ने भी नवीन व्यवस्था को भारत के विजन 2040 के अनुरूप बताया और शिक्षा में गुणात्मक सुधार का एक प्रभावकारी कदम बताया है। आगामी दिनों में यह तय किया जाएगा कि प्रवेश प्रक्रिया का प्रारूप क्या होगा तथा 3 वर्ष में पाठ्यक्रम बीच में छोडऩे वाले विद्यार्थी को किस स्तर की उपाधि से विभूषित किया जाएगा। विशेष शिक्षा से जुड़े हुए जोधपुर जिले के विषय विशेषज्ञ, संस्थागत प्रशासक और विद्यार्थियों ने नई व्यवस्था का स्वागत किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश