रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
22 में से केवल 12 सदस्य ही बैठक में पहुंचेफतेहाबाद, 10 जनवरी (हि.स.)। रतिया पंचायत समिति के अध्यक्ष केवल मेहता के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। फतेहाबाद के लघु सचिवालय में शुक्रवार काे आयोजित पंचायत समिति रतिया बैठक में कुल 22 सदस्यों में से प्रधान के खिलाफ वाले गुट से केवल 12 सदस्य ही पहुंचे थे। प्रधान केवल मेहता रतिया से कांग्रेस विधायक जरनैल सिंह के साथ बैठक में पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए कम से कम 16 सदस्यों की संख्या होना जरूरी है, लेकिन आज हुई मीटिंग में कुल 22 सदस्यों में से केवल 12 सदस्य ही पहुंचे। बता दें कि पंचायत समिति रतिया के चेयरमैन केवल मेहता को पद से हटाने के पंचायत समिति सदस्य द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दो बार बैठक स्थगित होने के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेशानुसार एडीसी राहुल मोदी द्वारा बैठक बुलाई गई थी। हालांकि चेयरमैन को हटाने के लिए दो बार पहले समय दिया गया था जो कि एडीसी के न आने के कारण स्थगित हो गया था। दो बार बैठक रद्द होने के बाद चेयरमैन केवल मेहता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद एडीसी द्वारा 10 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक बुलाई गई थी लेकिन पर्याप्त सदस्यों के न होने से अविश्वास खारिज हो गया। बता दें कि पंचायत समिति चेयरमैन केवल मेहता पहले बीजेपी में थे और ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष थे लेकिन विस चुनावों से कुछ दिन पहले वह पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार जरनैल सिंह का पूर्ण समर्थन किया था। जरनैल सिंह तो विधायक बन गए लेकिन प्रदेश में सरकार बीजेपी की सरकार बन गई। इसके बाद पंचायत समिति के 22 में से 16 सदस्यों ने चेयरमैन केवल मेहता के खिलाफ उनको हटाने के लिए जिला उपायुक्त को अविश्वास प्रस्ताव पर ज्ञापन दिया था। चेयरमैन को हटाने के लिए पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल का ग्रुप काफी सक्रिय हो गया था और उन्होंने अध्यक्ष को हटाने के लिए 16 सदस्यों को एकजुट भी कर लिया लेकिन जैसे ही चेयरमैन को हटाने का खेल शुरू हुआ तो विधायक जरनैल सिंह भी कांग्रेस समर्थित चेयरमैन को बचाने के लिए मैदान में कूद पड़े और उन्होंने चेयरमैन को हटाने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर समर्थन करने वाले कुछ पंचायत समिति सदस्यों को वापस कांग्रेस के साथ जोड़ लिया। इस कारण 16 सदस्यों में से चेयरमैन को हटाने के लिए कानूनी रूप से जितने सदस्य चाहिए थे, वह सदस्य कम हो गए। इस कारण जब चेयरमैन को हटाने के लिए पहली बार समय दिया गया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों के पास कोरम पूरा नहीं हो पाया और इस दिन अधिकारी मीटिंग में नहीं आए वहीं जब दूसरी बार भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए समय दिया गया तो उसे दिन भी अधिकारी ने मीटिंग को स्थगित कर दिया। अश्विास प्रस्ताव खारिज होने के बाद अध्यक्ष केवल मेहता ने इसे सच्चाई की जीत बताया। उन्होंने साजिशकर्ताओं को ऐसी राजनीति से दूर रहने की सलाह दी और बिना भेदभाव काम करने का वादा किया। केवल मेहता ने कहा कि बाहरी लोगों ने कुछ सदस्यों को भडक़ाने का काम किया है। दो साल में उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे कोई मैम्बर उनसे नाराज हो। उन्होंने सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य करवाए हैं लेकिन कुछ लोगों ने पंचायत समिति सदस्यों को उनके खिलाफ भडक़ा एक साजिश रची थी लेकिन आज सच्चाई की जीत हुई है। विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि सभी मिलकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि सरकार को औछी हरकतों से बाज आना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा