मनरेगा में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी, 42 फीसदी तक पहुंची सहभागिता
- ग्रामीण आजीविका मिशन से 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाएं हुईं आत्मनिर्भर
लखनऊ, 24 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजनान्तर्गत महिलाओं की भागीदारी 42 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को शामिल किया गया है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ग्राम स्तर पर डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बीसी सखी योजना के तहत 39,556 बीसी सखी कार्यरत हैं, जिन्होंने अब तक 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन संपन्न किया है। इसके माध्यम से महिलाओं ने 84.38 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।लखपति महिला योजना बनी ग्रामीण महिलाओं के सपनों की उड़ानमहिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही लखपति महिला योजना के तहत 31 लाख से अधिक दीदियों का चिन्हांकन किया गया है। इनमें से दो लाख से अधिक महिलाएं पहले ही लखपति बन चुकी हैं। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं।300 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावितप्रदेश सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके अंतर्गत प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इससे न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि हजारों महिलाओं को नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।यूपी में हर पंचायत में होगी एक ‘सूर्य सखी’योगी सरकार प्रदेश के सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती करेगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तहत लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को अब डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी (डीआरई) उत्पादों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 10,000 उद्यमों को सोलर आधारित तकनीकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे महिलाओं को सतत रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) के साथ मिलकर ‘सूर्य सखी’ कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रदेश की 57,702 पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की नियुक्ति की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / दीपक