पंजाब में अभिभावक-शिक्षक बैठक से शिक्षा में सुधार की नई दिशा
चंडीगढ़ में अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन
चंडीगढ़: बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने चौथी मेगा अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया, जिसमें 23.30 लाख से अधिक अभिभावकों ने भाग लिया।
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बालिकाएं), श्री आनंदपुर साहिब में इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वहीं, 'आप' पंजाब के इंचार्ज मनीष सिसोदिया ने जिला होशियारपुर के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल पददी सूरा सिंह में मेगा पीटीएम में भाग लिया। इसके अलावा, विधायकों, स्कूल शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा, एस.सी.ई.आर.टी. की निदेशक किरण शर्मा, उपायुक्तों और शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने 7500 से अधिक स्कूलों का दौरा किया।
बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में स्कूल शिक्षा विभाग नई ऊँचाइयों को छू रहा है। पंजाब सरकार इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से 'मां-पिता की भागीदारी' के तहत अभिभावकों और स्कूलों के बीच संबंधों को मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि यह पहल अभिभावकों को उनके बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भागीदार बनाकर विद्यार्थियों के शैक्षणिक परिणामों को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने बताया कि 40,000 से अधिक शिक्षकों को अभिभावक कार्यशालाएं आयोजित करने के लिए ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत प्रशिक्षित शिक्षक संवाद सत्रों का संचालन करते हैं, जबकि एसएमसी सदस्य अभिभावकों के साथ समन्वय और सहयोग प्रदान करते हैं। इससे अभिभावकों को अपने बच्चों के शैक्षणिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास में सहायता करने की भूमिका को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि इस पहल के अंतर्गत प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्तर तक के विद्यार्थियों के अभिभावक कार्यक्रम में भाग लेते हैं।
बैंस ने बताया कि 1-1.5 घंटे की अभिभावक कार्यशाला के बाद मेगा पीटीएम को साझा कार्यशाला डिज़ाइन और एसएमसी-नेतृत्व वाली बैठक योजनाओं के माध्यम से लागू किया जाता है, और अभिभावकों को जानकारी हेतु हैंडआउट्स उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशालाओं का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका को सुदृढ़ करना और घर और स्कूल में सक्रिय सहभागिता को प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जिम्मेदारियों की साझा समझ विकसित करते हुए अभिभावकों और स्कूलों के बीच मजबूत संबंध सुनिश्चित करती है। इसके परिणामस्वरूप विद्यार्थियों के परिणामों में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि यह पहल घर और स्कूल के बीच तालमेल को मजबूत करने पर केंद्रित है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावक-शिक्षक बैठक के दौरान संवाद विद्यार्थियों के प्रयासों और अभिभावकों के सहयोग की सराहना से शुरू होता है, जिससे बातचीत के लिए सकारात्मक आधार सुनिश्चित होता है। इस प्रक्रिया से बच्चों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक नई पहल है, जिसके माध्यम से अभिभावकों को शैक्षणिक लक्ष्यों और आगामी पहलों की स्पष्ट जानकारी मिलती है। साथ ही, उन्हें यह भी बताया जाता है कि वे घर पर बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर वातावरण कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं।