पंजाब में धान खरीद में ऐतिहासिक सफलता, किसानों का हौसला बढ़ा
पंजाब में धान खरीद का नया रिकॉर्ड
पंजाब: इस सीजन में पंजाब के मेहनती किसानों के लिए उम्मीद और मेहनत की जीत का समय आया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने इस वर्ष धान की खरीद में एक नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए 150 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद पूरी की है। यह उपलब्धि तब हासिल हुई जब राज्य के कई क्षेत्रों में बाढ़ ने फसलों को नुकसान पहुँचाया, लेकिन सरकार की मजबूत नीतियों और किसानों के अडिग हौसले ने सभी बाधाओं को पार कर लिया।
खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 10 नवंबर तक राज्य की मंडियों में कुल 1,51,80,075.88 मीट्रिक टन धान की आवक हुई, जिसमें से 1,50,35,129.93 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जो कुल आवक का लगभग 99 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि सरकार द्वारा विकसित मजबूत बुनियादी ढांचा कितना प्रभावी रहा है।
खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी:
राज्य सरकार ने मंडियों में खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक स्वयं जमीनी स्तर पर निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
किसानों को समय पर भुगतान
किसानों को भुगतान तय समय सीमा के भीतर:
इस कुशल व्यवस्था का परिणाम यह है कि अब तक 11 लाख से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ मिल चुका है। पटियाला जिला इस मामले में सबसे आगे रहा है, जहाँ सबसे अधिक किसानों को एमएसपी के तहत भुगतान किया गया है। मंडियों से खरीदे गए धान का लगभग 90 प्रतिशत पहले ही उठाया जा चुका है, जिससे बाजारों में भीड़भाड़ को प्रभावी ढंग से रोका गया है।
सरकार ने अब तक ₹34,000 करोड़ से अधिक राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई है। अधिकांश मंडियों में खरीद के 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया गया है, जिससे किसानों को अपने अगले कृषि सीजन की तैयारी में कोई देरी नहीं हुई।
सफलता का श्रेय किसानों और अधिकारियों को
पंजाब के किसानों, अधिकारियों और कर्मचारियों की संयुक्त मेहनत का नतीजा:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “यह उपलब्धि पंजाब के मेहनती किसानों, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की संयुक्त मेहनत का परिणाम है। हमारी सरकार का उद्देश्य केवल धान खरीदना नहीं है, बल्कि हर किसान को सम्मान, स्थिरता और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है।”
सरकार का यह कदम “किसान-प्रथम नीति” की सफलता को दर्शाता है। अग्रिम योजना, पर्याप्त स्टाफ की तैनाती और मंडियों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग ने पंजाब के खरीद तंत्र को पूरे देश के लिए एक मिसाल बना दिया है।
यह केवल रिकॉर्ड तोड़ धान खरीद नहीं है, बल्कि किसानों के विश्वास, सरकार की पारदर्शिता और सुशासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। पंजाब सरकार ने एक बार फिर साबित किया है कि जब नीयत साफ हो और व्यवस्था मजबूत हो, तो कोई भी बाधा राज्य की प्रगति को नहीं रोक सकती।