पंजाब में सरकारी योजनाओं का नया ट्रेंड: आम नागरिकों की सक्रियता
पंजाब में बदलाव की नई लहर
चंडीगढ़: पंजाब में एक नया ट्रेंड उभर रहा है, जहां आम लोग अपने मोबाइल फोन से सरकारी योजनाओं की तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। यह कोई सरकारी प्रचार नहीं, बल्कि वास्तविकता है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने इंस्टाग्राम पर 'सेहत-शिक्षा हॉस्पिटल' की तस्वीर साझा की, जो तेजी से वायरल हो गई। इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था- 'मान सरकार, ये रही सिर्फ सुलतान खालदार!' यह केवल एक तस्वीर नहीं, बल्कि उस बदलाव का प्रतीक है जो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार लाने में सफल रही है।
पंजाब सरकार ने हमेशा स्पष्ट किया है कि विकास का अर्थ केवल भव्य इमारतें या हाईवे नहीं है, बल्कि आम लोगों की दैनिक आवश्यकताएं हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसे दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जिन पर हर व्यक्ति का जीवन निर्भर करता है। मान सरकार ने इसी सिद्धांत को अपनाया और इन दोनों क्षेत्रों में सक्रियता से काम करना शुरू किया। नतीजतन, आज पंजाब के हर गांव और शहर में लोग महसूस कर रहे हैं कि सरकार उनके लिए काम कर रही है और उनकी भलाई की परवाह कर रही है।
सोशल मीडिया पर मिल रही प्रतिक्रियाएं इस बात का प्रमाण हैं। एक यूजर ने लिखा- 'पहली बार ऐसा लग रहा है कि सरकार हमारे लिए है, न कि हम सरकार के लिए।' दूसरे ने कहा- 'मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त इलाज और दवाइयां मिलती हैं। पहले तो हम सोच भी नहीं सकते थे।' ये टिप्पणियां दर्शाती हैं कि जनता ने मान सरकार के इरादों को समझ लिया है। जब आम लोग खुद सरकार के काम की सराहना करने लगते हैं, तो यह संकेत है कि नीतियां सही दिशा में जा रही हैं।
पंजाब भर में फैले सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक इस बदलाव की पहली कड़ी हैं। गरीब से गरीब व्यक्ति को अब इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। बुखार, दर्द या छोटी-मोटी बीमारियों के लिए मोहल्ले में ही सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प किया जा रहा है। जर्जर इमारतों की मरम्मत, नई मशीनें, साफ-सफाई, डॉक्टरों की नियुक्ति - हर स्तर पर काम हो रहा है। मान सरकार का मानना है कि स्वस्थ नागरिक ही मजबूत पंजाब का निर्माण कर सकते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भी यही स्थिति है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि अब वहां भी प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। कमरों की मरम्मत, स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, शौचालय - सब कुछ दुरुस्त किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जा रहा है। 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' जैसी योजनाओं के माध्यम से गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिल रहा है। यह सब दर्शाता है कि सरकार का फोकस स्पष्ट है - हर बच्चे को शिक्षा, हर व्यक्ति को स्वास्थ्य।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मान सरकार की यह रणनीति गेम-चेंजर साबित हो रही है। अन्य सरकारें अक्सर बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं करती हैं जो कभी जमीन पर नहीं उतरतीं। लेकिन यहां स्थिति उलट है - छोटे लेकिन आवश्यक कार्य हो रहे हैं और लोग इसे महसूस कर रहे हैं। जब एक मां को अपने बच्चे के लिए मुफ्त दवाई मिलती है, या एक गरीब किसान के बेटे को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा मिलती है, तब विश्वास बनता है और यही विश्वास आज पंजाब में दिखाई दे रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनता सब कुछ देख रही है और समझ रही है। सोशल मीडिया के युग में कोई भी काम छिपा नहीं रह सकता। लोग खुद मॉनिटर कर रहे हैं कि उनके इलाके में क्या हो रहा है। जब अच्छा काम होता है तो तारीफ होती है, और जब कमी दिखती है तो आवाज उठाई जाती है। यह स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है और पंजाब सरकार इस परीक्षा में सफल हो रही है क्योंकि उसका एजेंडा स्पष्ट है - जनता की भलाई।
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है। भविष्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। लेकिन फिलहाल जो हो रहा है, वह लोगों को यकीन दिलाने के लिए काफी है कि यह सरकार उनकी है, उनके लिए है। जब एक आम कार्यकर्ता अपने इलाके के अस्पताल की तस्वीर गर्व से साझा करता है, तो यह केवल एक पोस्ट नहीं होती - यह उम्मीद का संदेश होता है। पंजाब की जनता ने मान सरकार को पहचान लिया है और वह जानती है कि यह विकास वास्तव में हो रहा है।