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पाकिस्तान में लापता सरबजीत कौर का रहस्य: इस्लाम अपनाने और विवाह का दावा

पंजाब की 52 वर्षीय सरबजीत कौर पाकिस्तान में लापता हो गई हैं, और उनके इस्लाम अपनाने तथा एक पाकिस्तानी युवक से विवाह करने का दावा किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब वह 1992 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थीं। उनके वापस लौटने का कोई इमिग्रेशन रिकॉर्ड नहीं है, जिससे यह संदेह गहरा हो गया है कि वे पाकिस्तान में ही रुकी हुई हैं। पंजाब पुलिस और भारतीय दूतावास इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।
 

चंंडीगढ़ में सरबजीत कौर का मामला


चंंडीगढ़: पाकिस्तान में लापता हुई पंजाब की महिला सरबजीत कौर के बारे में एक नया खुलासा हुआ है। उनके इस्लाम धर्म अपनाने और एक पाकिस्तानी युवक से विवाह करने का दावा किया गया है। सरबजीत कौर, जिनकी उम्र 52 वर्ष है, कपूरथला, पंजाब की निवासी हैं।


उन्होंने 4 नवंबर को गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर 1992 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ वाघा-अटारी बॉर्डर पार किया। यह जत्था 13 नवंबर को भारत लौट आया, लेकिन कौर उनके साथ वापस नहीं आईं। इस बीच, उर्दू में एक निकाहनामा भी सामने आया है।


दस्तावेज में क्या जानकारी है?

दस्तावेज के अनुसार, कौर ने इस्लाम अपनाकर अपना नाम 'नूर' रखा और पाकिस्तान के शेखुपुरा निवासी नासिर हुसैन से विवाह किया। हालांकि, इस दस्तावेज की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है। यह विवाह लाहौर से लगभग 56 किलोमीटर दूर शेखुपुरा में होने का दावा किया गया है।


क्या कौर पाकिस्तान में हैं?

सूत्रों के अनुसार, कौर पहले से तलाकशुदा हैं और उनके दो बेटे हैं। उनके पूर्व पति कर्नैल सिंह पिछले लगभग 30 वर्षों से इंग्लैंड में रह रहे हैं। कौर का पासपोर्ट पंजाब के मुक्तसर जिले में जारी हुआ था। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उनके वापस लौटने का कोई इमिग्रेशन रिकॉर्ड नहीं मिला है, जिससे यह संदेह गहरा हो गया है कि वे पाकिस्तान में ही रुकी हुई हैं।


पंजाब पुलिस की कार्रवाई

जब जत्था भारत लौटा और कौर उनके साथ नहीं थीं, तो भारतीय इमिग्रेशन विभाग ने तुरंत पंजाब पुलिस को सूचित किया। पंजाब पुलिस ने मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर अन्य एजेंसियों को भेज दी है। भारतीय दूतावास भी पाकिस्तानी अधिकारियों से लगातार संपर्क में है ताकि कौर की स्थिति और सुरक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके।


सिख श्रद्धालुओं का पाकिस्तान जाना

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हर साल सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान भेजती है, जहां वे ननकाना साहिब और अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकते हैं। इस वर्ष गुरु नानक देव की 555वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धालुओं का जत्था भेजा गया था। सुरक्षा कारणों से पहले अनुमति रोकी गई थी, लेकिन बाद में इसे मंजूरी दे दी गई।


क्या कौर अपनी मर्जी से रुकीं हैं पाकिस्तान?

कौर का पाकिस्तान में रह जाना, धर्म परिवर्तन और कथित विवाह कई सवाल खड़े करता है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या यह महिला की इच्छा से हुआ या किसी दबाव में। परिवार और प्रशासन दोनों इस मामले को लेकर चिंतित हैं और भारत सरकार लगातार पाकिस्तान से संपर्क में है।