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महात्मा गांधी अस्पताल में पहली बार हुई 3डी थॉराकोस्कोपिक सर्जरी

 


जोधपुर, 24 फरवरी (हि.स.)। महात्मा गांधी अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग ने पहली बार आहार नली के कैन्सर का ऑपरेशन हाइब्रिड तकनीक से करने में सफलता प्राप्त की है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि एमजीएच हॉस्पिटल में आहार नली, पेट, लिवर और पेनक्रियाज के कैन्सर के ऑपरेशन नियमित रूप से हो रहे है, इसी कड़ी में अस्पताल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग ने नवाचार करते हुए इस बार आहार नली के कैंसर का ऑपरेशन हाइब्रिड तकनीक से किया है।

गेस्ट्रोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश चौधरी ने बताया कि नागौर के डेगाना निवासी श्रीपाल मंडा को खाना निगलने में परेशानी हो रही थी। मरीज़ ने जांच करवाई तो उसकी आहार नली में कैन्सर का निदान हुआ। पहले उसको रेडिएशन ओंकोलॉजी विभाग में रेडियोथेरेपी तथा कीमोथेरेपी दी गई उसके बाद महात्मा गांधी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया।आहार नली के कैन्सर के लिए एन-ब्लॉक एसोफ़ेजेक्टमी विथ टू फील्ड लिंफडीनेक्टोमी नामक ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन में अहरनाली को निकालने के लिए सामान्यतया तीन जगह गर्दन, छाती पर और पेट में चीरा लगाया जाता है। इसमें जो चीरा छाती पर लगाते है उसकी वजह से ऑपरेशन के बाद फेफड़ों के इन्फेक्शन का ख़तरा रहता है।

प्रोन 3डी थोरेकॉस्कोपिक तकनीक से आहार नली को फेफड़ो और हार्ट से अलग किया गया। फिर पेट और गर्दन पर चीरा लगा के कैंसरग्रस्त आहार नली को निकाला गया, फिर अमाशय से दूसरी आहार नली बनाकर उसको गर्दन से जोड़ा गया। ऑपरेशन तीन अलग अलग चरणों में किया गया जिसमें सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक 8 घंटे बिना रुके लगातार चला। मरीज अभी एकदम स्वस्थ है सामान्य रूप से भोजन ग्रहण कर पा रहा है।

ऑपरेशन गेस्ट्रोसर्जरी के डॉ. दिनेश ने ऑपरेशन किया जिसमें डॉ. विजय राव और विशाल धाकड़ का सहयोग रहा। नर्सिंग ऑफिसर नगाराम देवासी, दिनेश गालवा और राजेंद्र मीणा ने भी सहयोग किया। एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कर्णावत, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. सरिता जनवेजा, सह आचार्य डॉ. प्रमिला सोनी, सहायक आचार्य डॉ. अनिशा डॉ. जितेंद्र डॉ. अलिशा, डॉ. हर्षित, डॉ. मीरा ने एनेस्थीसिया किया। आईसीयू में इंचार्ज डॉक्टर शिखा सोनी के निर्देशन में देखरेख की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश