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माउंट आबू में तेंदुआ कचरे में भोजन की तलाश करता हुआ

माउंट आबू में एक वायरल वीडियो में तेंदुआ कचरे में भोजन की तलाश करता हुआ दिखाई दे रहा है, जो मानव अतिक्रमण और पर्यावरणीय क्षति की गंभीरता को दर्शाता है। इस दृश्य ने सोशल मीडिया पर लोगों के बीच चिंता और गुस्सा पैदा किया है, जिससे वन्यजीवों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। वीडियो में तेंदुए की स्थिति और उसके प्राकृतिक आवास के संकट को उजागर किया गया है, जो हमें वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करता है।
 

माउंट आबू में तेंदुए की कचरे में खोज

तेंदुआ कचरे में भोजन की तलाश करता है: भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी पर्वीन कसवान द्वारा साझा किया गया एक 17 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में माउंट आबू के आसपास एक तेंदुआ कचरे के ढेर में भोजन खोजने की कोशिश कर रहा है। यह दृश्य मानव अतिक्रमण और पर्यावरणीय क्षति की गंभीरता को दर्शाता है, जहां तेंदुआ प्लास्टिक और अन्य कचरे के बीच अपना पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहा है।

वीडियो यह दर्शाता है कि कैसे मानव गतिविधियाँ वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को प्रभावित कर रही हैं। तेंदुआ, जो एक स्वाभाविक शिकारी है, अब कचरे में भोजन की तलाश करने के लिए मजबूर हो गया है। पर्वीन कसवान ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'हमारा कचरा जंगलों तक कैसे पहुँच रहा है! आइए हम बेहतर बनें, जंगलों की रक्षा करें, कचरे का सही प्रबंधन करें और वन्यजीवों को उनका घर लौटाएं।'


सामाजिक प्रतिक्रिया

लोगों की चिंता और गुस्सा

इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा और चिंता व्यक्त की है। कई उपयोगकर्ताओं ने कचरा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त दंड और नियमों की मांग की है। एक उपयोगकर्ता ने कहा, 'यह बहुत दुखद है। हमारी नागरिक जागरूकता स्वेच्छा से नहीं बदलती, इसे कड़े दंड के जरिए लागू करना होगा।' अन्य ने कहा कि विकास के नाम पर वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास छीन लिया गया है और सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।


वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता

संरक्षण नीतियों पर सवाल

इस वीडियो ने यह सवाल उठाया है कि संरक्षण नीतियों में कितनी गंभीरता है। माउंट आबू के निवासियों ने बताया कि पहले भी यहां भालू और अन्य जानवर कचरे के ढेर में देखे गए हैं। अब गाय, भैंस, भालू और तेंदुआ सभी एक साथ कचरे में भोजन की तलाश कर रहे हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि वन्यजीवों के लिए उनके प्राकृतिक आवास अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं।


तेंदुआ जनसंख्या और आंकड़े

भारत में तेंदुओं की स्थिति

भारत में तेंदुओं की कुल जनसंख्या 13,874 है, और 2018 से 2022 के बीच 1.08% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक तेंदुए (3,907) हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (1,985), कर्नाटक (1,879) और तमिलनाडु (1,070) हैं। यह डेटा दर्शाता है कि तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उनका जीवन मानव गतिविधियों और आवासीय संकट के कारण खतरे में है।

यह वीडियो एक बार फिर यह याद दिलाता है कि वन्यजीवों और इंसानों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। कचरे और अतिक्रमण के कारण प्राकृतिक शिकार और निवास स्थान खो रहे हैं, जिससे जानवर अब इंसानी कचरे में जीने के लिए मजबूर हैं। यह हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें वन्यजीवों और उनके आवास की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।