राजस्थान में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति
राजस्थान में प्रदूषण की स्थिति
राजस्थान में प्रदूषण: दिवाली की रोशनी और आतिशबाजी के बाद अब राज्य का आसमान धुएं से भरा हुआ है। रंग-बिरंगी फुलझड़ियों और रॉकेटों की चमक के बीच, हवा इतनी प्रदूषित हो गई है कि लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। जयपुर, भिवाड़ी, सीकर और बीकानेर जैसे शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है।
जयपुर में दिवाली की रात के बाद हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही। शहर के चार प्रमुख मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार चला गया। सीतापुरा में AQI 265, शास्त्री नगर में 268, आदर्श नगर में 243 और पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 245 दर्ज किया गया। नाहरगढ़ की पहाड़ियां धुंध में छिपी रहीं और सुबह के समय शहर पर धुएं की चादर छाई रही।
दिवाली के बाद AQI की स्थिति
केवल जयपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। राज्य के 18 शहरों की हवा 'खराब' या 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। भिवाड़ी में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां AQI 306 तक पहुंच गया, जो 'रेड अलर्ट' श्रेणी में आता है। धौलपुर में 266, सीकर में 241, झुंझुनू में 239, श्रीगंगानगर में 236, हनुमानगढ़ में 229, टोंक में 229, बीकानेर में 222, कोटा में 222, जालोर में 221, जयपुर में 219, भीलवाड़ा में 214, चूरू में 215, करौली में 215, पाली में 205, दौसा में 205, अजमेर में 206 और उदयपुर में 210 का स्तर दर्ज किया गया।
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अपील
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाएं और नमी हवा में मौजूद धूल और धुएं के कणों को नीचे रोक रही हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ रहा है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुबह जल्दी बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें और जिन लोगों को सांस या दिल की समस्याएं हैं, वे विशेष सावधानी बरतें।
जहरीली हवा से होने वाली समस्याएं
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस जहरीली हवा में लंबे समय तक रहने से आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। प्रदूषण बोर्ड ने कहा है, 'दिवाली मनाइए, लेकिन जिंदगी का दीया बुझने मत दीजिए।' अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि लोग अपने घरों में पौधे लगाएं, पानी का छिड़काव करें और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके। दिवाली की रात की चमक अब धुंध में खो गई है। जयपुर से लेकर भिवाड़ी तक हर शहर अब अपनी ही बनाई हवा में दम तोड़ता नजर आ रहा है। यदि हालात नहीं सुधरे, तो आने वाली दिवाली से पहले राज्य को 'ग्रीन राजस्थान' की दिशा में कदम उठाने होंगे।