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महाराजा बिजली पासी, उदा देवी और टिकैत राय के बगैर लखनऊ का इतिहास अधूरा : राजनाथ सिंह

 


लखनऊ, 5 सितम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा की पुस्तक 'गुमनाम हिंदू राजा टिकट राय' का गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र दयालु के साथ राजधानी लखनऊ से जुड़े पत्रकारिता जगत के नवभारत टाइम्स के संपादक सुधीर मिश्रा, हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक प्रांशु मिश्रा, दैनिक जागरण के संपादक आशुतोष शुक्ला, संपादक प्रवीण कुमार समेत कई अन्य बड़े नाम उपस्थित रहे।

पुस्तक विमोचन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों के साथ सहज संवाद हो, यह मेरी सोच रहती है। पांच दिन पहले मुझे इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी हुई है। लखनऊ का सांसद हूं। यदि लखनऊ के बारे में, यहां की सख्शियत के बारे में और इतिहास के बारे में कोई कार्यक्रम हो और अगर मैं उसमें उपस्थित न रहूं तो अपराध बोध होता है। नवलकान्त सिन्हा जी ने यह पुस्तक लिखी है। सच कहूं तो आजकल मेरे पास किताब पढ़ने का समय नहीं है। यह दुर्भाग्य है। यह पुस्तक लखनऊ पर है। लखनऊ मेरे दिल के करीब है। मैं गाजियाबाद से सांसद था। अन्य राज्यों से भी मुझे चुनाव लड़ने को कहा गया था लेकिन मैंने लखनऊ को चुना। भाइयों किसी शहर को जानने के लिए वहां की संस्कृति के बारे में जानना जरूरी है। अब तक लखनऊ पर लिखी गयी पुस्तकें नवाबों के इर्द गिर्द थी। लेकिन लखनऊ नवाबों के अलावा भी है, यह जानना जरूरी है। वह केवल एक हिस्सा था। महाराजा बिजली पासी, उदा देवी और टिकैत राय के बगैर अधूरा है। यह किताब उस मिथक को तोड़ती है। यह किताब लखनऊ के दूसरे पक्ष के बारे में बताएगी। पत्रकार व्यंग्यकार के बाद नवलकान्त ने इतिहास में भी हाथ आजमाना शुरू किया है। इस पुस्तक में लखनऊ के बारे में चर्चा हुई है। इस शहर की प्रगति के नायकों में बहुत से गुमनाम चेहरे हैं। ऐसे ही हिन्दू राजा टिकैत राय हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने हिन्दू मंदिरों का निर्माण कराया। विद्यालयों की स्थापना की। राजा टिकैत राय सर्व धर्म समभाव पर भरोसा करते थे। यानी उस समय में भी वह सबका साथ सबका विकास करते थे। आम जन को जल उपलब्ध कराया गया था। उनके द्वारा बनवाये गए तालाब इस बात की गवाही देते हैं। उनके द्वारा बनवाये गए बाजार इस बात की तस्दीक करते हैं कि किसान प्रधान देश में बाजार की भी आवश्यकता होती है। स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस दानवीर के बिना लखनऊ का इतिहास अधूरा है। उन्होंने देश मे 100 शिव मंदिर बनवाये। अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर के निर्माण में भी उनका योगदान रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला