आरजी कर मामले में सीबीआई का बयान : टाला थाने के पूर्व ओसी का सिम सबसे अहम, अभी नहीं मिलेगा वापस
कोलकाता, 24 फरवरी (हि. स.)। आर.जी. कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या मामले की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है। सोमवार को सीबीआई ने सियालदह अदालत में मामले की प्रगति रिपोर्ट जमा की और जल्द ही एक अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने की बात कही। साथ ही, सीबीआई ने स्पष्ट कर दिया कि टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल का सिम कार्ड अभी वापस नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सीबीआई ने अभिजीत मंडल को गिरफ्तार करने के बाद उनका सिम कार्ड जब्त किया था, जो अब तक लौटाया नहीं गया है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं और उनके परिवार ने अदालत में सिम कार्ड लौटाने की याचिका दायर की थी। लेकिन सीबीआई ने अदालत में स्पष्ट किया कि यह सिम कार्ड जांच का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए इसे अभी वापस नहीं किया जा सकता।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में सीबीआई की जांच शुरू से ही विवादों में रही है। पीड़िता के परिवार ने कई बार एजेंसी की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। शुरुआती चार्जशीट में सीबीआई ने केवल संजय राय को आरोपी बताया था, जिसके आधार पर सियालदह अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, इसके बाद यह सवाल उठने लगे कि अन्य आरोपितों का क्या होगा।
इस मामले में पहले आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। लेकिन समय पर चार्जशीट दाखिल न करने के कारण दोनों को जमानत मिल गई। हालांकि, अन्य मामलों में संदीप घोष अभी भी जेल में हैं, जबकि अभिजीत मंडल रिहा हो चुके हैं।
सीबीआई ने अदालत में पेश की गई रिपोर्ट में कहा कि जल्द ही अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल की जाएगी, जिसमें यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि क्या इस मामले से जुड़े किसी साक्ष्य को नष्ट किया गया है।
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि पीड़िता के परिवार को जांच की प्रगति से अवगत कराया गया है और अदालत में समय-समय पर रिपोर्ट जमा की गई है। हालांकि, परिवार का कहना है कि उन्हें इस मामले में सीबीआई की जांच की वास्तविक स्थिति की पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। अब सबकी नजरें अदालत में पेश होने वाली अतिरिक्त चार्जशीट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस जघन्य अपराध में और कौन-कौन शामिल था।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर