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विधानसभा गेट पर निलंबित विधायकों और सुरक्षाकर्मियों में धक्कामुक्की

 


जयपुर, 25 फ़रवरी (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में पांच दिन पहले मंत्री अविनाश गहलाेत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ी टिप्पणी से पैदा हुआ गतिरोध मंगलवार काे भी जारी है। विधानसभा में मंगलवार काे घुसने की कोशिश कर रहे निलंबित कांग्रेस विधायकों की सुरक्षाकर्मियाें से धक्कामुक्की हो गई और उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया।

सदन के भीतर प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी है और कांग्रेस ने इसका बायकॉट किया है।

विधानसभा में चल रहे गतिरोध के बीच मंगलवार को पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन के बाहर पहुंचे। उन्होंने कहा कि

स्पीकर का व्यवहार भी हैरानी जनक है। सरकार की नीयत खराब है। स्पीकर को रोज मंत्रियों को बचाना पड़ रहा है, स्पीकर को इगो छोड़ना चाहिए, वे यह नहीं भूलें कि उनका निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।

गहलोत ने कहा कि किरोड़ी मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों पर सरकार ने जवाब नहीं दिया है। इससे गतिरोध बना। अब यह जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है। स्पीकर का व्यवहार भी बहुत हैरानीजनक है।

देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी की ताे उससे माफी मंगवाने में क्या दिक्कत थी। विधानसभा में माफी मांगने वाले की भावना देखी जाती है, जो घटना हुई उसमें नेता प्रतिपक्ष और डोटासरा ने खेद प्रकट कर दिया।

लगता है उनकी नीयत खराब है, यह चाहते नहीं कि सदन चले। सरकार के मंत्री सदन में जवाब दे नहीं पा रहे हैं, स्पीकर को रोज उन्हें बचाना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए यह सब कर रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद खत्म होने की जगह बढ़ गया है। कांग्रेस विधायकों ने साेमवार काे सदन से धरना खत्म कर दिया था।

लेकिन अब निलंबित विधायकों की बहाली और इंदिरा गांधी के लिए आपकी दादी टिप्पणी मामले में मंत्री अविनाश गहलोत से माफी मंगवाने तक सदन नहीं चलने देने का फैसला किया है। कांग्रेस आज भी सदन की कार्यवाही का बायकॉट कर रही है।

सोमवार को सदन में गोविंद सिंह डोटासरा के साफ तौर पर माफी नहीं मांगने के बाद वार्ता के प्रयास भी रुक गए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बने गतिरोध में अब स्पीकर के अपमान का मुद्दा भी जुड़ गया है।

सोमवार दिन में सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद डोटासरा के स्पीकर को लेकर बाेले गए अपशब्दों से भी बात बिगड़ी है। इससे छहों विधायकों की निलंबन बहाली अटक गई और सदन में फिर डेडलॉक बन गया। सोमवार को ही कांग्रेस के सभी निलंबित विधायक भी सदन से बाहर निकल गए, अब वे फिर सदन में नहीं जा सकते। मंगलवार काे कांग्रेस के निलंबित विधायकों और विधानसभा के सुरक्षा कर्मियों के बीच विधानसभा के गेट पर धक्का मुक्की हो गई।

निलंबित विधायक विधानसभा में घुसने की कोशिश कर रहे थे जिन्हें सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया। इस दौरान दोनों तरफ से धक्का मुक्की के हालात बन गए।

गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि विधानसभा स्पीकर के चेंबर में जो सहमति बनी थी उसमें मंत्री के माफी मांगने की बात हुई थी।

मैं जब सस्पेंड था तो सदन में मुझे क्यों बुलाया गया? क्या मुझे जलील करने के लिए बुलाया गया? मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर, वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा के मुद्दे पर खींचतान है।

डोटासरा ने कहा कि जब तक मंत्री की टिप्पणी को कार्यवाही से निकालकर माफी नहीं मंगवाएंगे तब तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।

सदन की कार्यवाही में सभी 66 विधायक नहीं तो कोई जरूरी नहीं है, हम सड़क पर लड़ेंगे।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि केवल गोविंद सिंह डोटासरा की वजह से सदन में गतिरोध बना है।

डोटासरा स्पीकर के चेंबर में तय हुई बात से सदन में आकर मुकर गए। यह तय हो गया था कि डोटासरा स्पीकर की टेबल पर जाने को लेकर खेद प्रकट कर देंगे, लेकिन बाद में मुकर गए।

डोटासरा ने सदन स्थगित होने के बाद स्पीकर के बारे में जिन अपशब्दों का प्रयोग किया वो बेहद निंदनीय था।

स्पीकर के लिए कोई अपशब्द कैसे बोल सकता है। हमने लगातार वार्ता की ताकि गतिरोध टूटे, लेकिन डोटासरा हठधर्मिता पर अड़े हैं।

वे सदन को हाईजैक करना चाहते हैं। राजस्थान की जनता सब कुछ देख रही है। ऐसा कौनसा जनहित का मुद्दा है जिस पर उन्होंने सदन में गतिरोध बना रखा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित