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अवधी को विधानसभा में अभिव्यक्ति का अवसर मिलना गौरव पूर्ण : डॉ अर्जुन पाण्डेय

 






अमेठी, 23 फ़रवरी (हि.स.)। रविवार को अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से स्थानीय डाक बंगले में मासिक कवि गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा ‌मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना, माल्यार्पण तथा प्रख्यात कवि राजेन्द्र शुक्ल 'अमरेश'की वाणी वंदना से हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए अवधी साहित्य संस्थान अमेठी डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सरकार द्वारा अवधी सहित व्रजी,बुन्देली एवं भोजपुरी को अभिव्यक्ति को अवसर मिलना गौरव पूर्ण है।

कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कवि राजेन्द्र शुक्ल 'अमरेश 'ने पढ़ा कवि अमरेश करैं अवधी कय गान हो,अवध नगरिया कय बाटै बड़ी शान हो। सुधीर रंजन द्विवेदी ने पढ़ा राजनीति के खेल नियम रहे सब टूट,जो जितना निर्लज्ज है उसको उतनी छूट। अर्जुन पाण्डेय ने पढ़ा दुनियादारी समझै बरे, चकाचौंध से बचै का परे।शब्बीर अहमद सूरी ने पढ़ा देश वतन की मिट्टी से,सुगंध प्यार की आती है,भारत की जय-जय बोलो जय की बेला आई है।समीर मिश्र ने पढ़ा अहिंसा की करो पूजा,चलो गांधी के चिन्हों पर,अगर दुश्मन करें हमला लड़ना भी जरूरी है। जगदम्बा तिवारी 'मधुर' ने पढ़ा आशा फागुन तन भीगा सा,रस की तायन भंवरवा ढ़ूढ़त बा। रामेश्वर सिंह निराश ने पढ़ा सरहद पे सदा सेना को देता सहारा, कारगिल कसूर की तो है यह पहचान तिरंगा। अमर बहादुर सिंह 'अमर' ने पढ़ा दिल हमारा समुन्दर का पानी नहीं,जान पहचान बिन मेहरबानी नही।दिवस प्रताप सिंह ने पढ़ा सक्रिय फिर से मदारी हो गये,ये बाबा पुनः ब्रम्हचारी हो गये।

कवि गोष्ठी में चन्द्र प्रकाश पाण्डेय मंजुल, आशुतोष गुप्त, सुधा अग्रहरि,तेज भान सिंह आदि कवियों ने अपनी रसभरी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर संपादक संतोष श्रीवास्तव,पत्रकार संजीव भारती,ललित, कैलाश नाथ शर्मा, जगन्निवास मिश्र,एवं अनुभव मिश्र की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश त्रिपाठी