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आईपीए और आईआईटी मिलकर बदलेंगे बंदरगाहों का स्वरूप, दोनों के बीच हुआ एमओयू

 


कानपुर, 22 फरवरी (हि.स.)। इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) ने डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहल के तहत आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआईहब के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य चरणबद्ध तरीके से डिजिटल बंदरगाहों से पूरी तरह स्वचालित स्मार्ट बंदरगाहों में परिवर्तन के भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) और इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है। यह सहयोग मजबूत साइबर सुरक्षा नियंत्रण और साइबर सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने, बंदरगाह अधिकारियों और परिचालन टीमों के लिए विशेष साइबर सुरक्षा-सम्बंधी कौशल सेट विकसित करने और समुद्री क्षेत्र के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा नीतियों को डिजाइन करने पर केंद्रित होगा। चूंकि भारतीय बंदरगाह स्वचालन और उन्नत डिजिटल तकनीकों को अपना रहे हैं, इसलिए उभरते साइबर खतरों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। यह पहल एक सुरक्षित, कुशल और भविष्य के लिए तैयार समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी, जो स्मार्ट बंदरगाह विकास के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करेगी।

आईपीए चैयरमैन सुनील पालीवाल ने कहा कि डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत यह समझौता ज्ञापन भारतीय बंदरगाहों को विश्व स्तरीय स्मार्ट बंदरगाहों में बदलने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीथ्रीआईहब आईआईटी कानपुर के साथ सहयोग करके, हमारा लक्ष्य न केवल स्वचालन को आगे बढ़ाना है, बल्कि हमारी डिजिटल सम्पत्तियों की सुरक्षा करने वाले मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे को भी सुनिश्चित करना है। पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है। यह समय की मांग है और हमें एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप