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प्राकृतिक जल संसाधनों का विस्तृत भंडार है उत्तराखंड : विधानसभा अध्यक्ष

 


देहरादून, 30 नवंबर (हि.स.)। दून विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) के 19वें राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन के समापन सत्र में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।विधानसभा अध्यक्ष का परिषद ने स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने सम्मेलन के दौरान विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शोधकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किए।विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए महान वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चंद्र बसु की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. बसु के प्रयोगों ने भारतीय विज्ञान और अनुसंधान को नई ऊंचाई दी है। उनके द्वारा की गई खोजों ने विज्ञान को एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया और यह सिद्ध किया कि जीवन केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण प्रकृति में विद्यमान है।

सम्मेलन की उपलब्धियांइस वर्ष के सम्मेलन का मुख्य विषय उत्तराखंड में जल और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन रहा। इसमें 300 से अधिक मौलिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सम्मेलन छात्रों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और वैज्ञानिकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शोधार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उत्तराखंड की प्रगतिविधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यूकास्ट प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है। देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा लैब्स ऑन व्हील्स, हर जनपद में विज्ञान केंद्र और विकास खंड स्तर पर स्टेम लैब्स के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक नवाचार की पहुंच बनाई जा रही है।

महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष प्रयास उन्होंने कहा कि प्रदेश की बालिकाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) में प्रोत्साहित करने के लिए यूकास्ट विशेष रूप से प्रयासरत है। इसके लिए उन्होंने यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और उनकी टीम को बधाई दी। विधानसभा अध्यक्ष ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को जन-जन तक पहुंचाने के यूकॉस्ट के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सिलक्यारा टनल बचाव अभियान की सराहना उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए सिलक्यारा टनल बचाव अभियान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि 17 दिनों के अथक प्रयासों से 41 श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आपदा प्रबंधन का एक अद्वितीय उदाहरण है। समारोह में दून विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेखा डंगवाल, प्रोफेसर डीन एचसी पुरोहित, यूकास्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, आयोजन सचिव डॉ. डीपी उनियाल आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण