सप्ताह मे एक दिन सेवा बस्ती जाकर नारायण सेवा करेगें स्वयंसेवक : सैथिंल
सहरसा, 22 फ़रवरी (हि.स.)।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए समाज में परिवर्तन के दृष्टिकोण से काम करने की विशेष आवश्यकता है, जो कष्ट में है उनके घर जाकर बिना अपेक्षा के सेवा करना ही सच्ची सेवा माना गया है।बिना अपेक्षा के समाज के हित में काम करना ही सेवा कहलाता है। इसीलिए संघ के स्वयंसेवकाे काे सप्ताह में एक दिन शाखा में सेवा गीत, अमृत वचन एवं सेवा से संबंधित बौद्धिक एवं सुभाषित के बाद सेवा बस्ती में जाकर सेवा करनी चाहिए। ऐसा संकल्प प्रत्येक स्वयंसेवक से करने की मेरी प्रार्थना है। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख सेंथिल ने कही।चैन्नई से सहरसा प्रवास के क्रम में शनिवार को शंकर प्रभात शाखा में आयोजित कार्यक्रम में स्वयं सेवकों का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने नर सेवा नारायण सेवा करने की प्रेरणा दी। बिना अपेक्षा के समाज के हित में जहां सभी मिलकर समाज की जागृति के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि संघ ने परिवारप्रबोधन के माध्यम से अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ एक साथ पूजा पाठ करना मिलकर भोजन करना अपने धर्म के बारे में बच्चों को अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें समझाएं की लव जिहाद करने वाले लोग शादी कर उसका धर्म परिवर्तन कर देते हैं।साथ ही उन्हे बेच या उसकी हत्या कर देते हैं।ऐसे में सबसे अधिक मामले केरल में हुआ।केवल हिंदू ही नहीं ईसाइयों के साथ भी हुआ।
संघ के स्वयंसेवकों ने समाज के बीच जागृति लाई। साथ ही अपने बहन बेटी एवं घर की महिलाओं को सजग किया क्योंकि स्वयंसेवक बोलता नहीं समाज में काम कर जागृति लाकर परिवर्तन लाते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक परम पूज्य गुरु जी के गुरु जी स्वामी अखंडानंद जी महाराज मोक्ष की कामना लेकर काशी जा रहे थे।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार