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अंबाला में 10 बच्चों का रेस्क्यू, पंजाब में मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था

अंबाला में जिला युवा विकास संगठन ने एक महत्वपूर्ण रेस्क्यू अभियान चलाया, जिसमें 10 बच्चों को बचाया गया जो पंजाब में मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे थे। इस अभियान में पुलिस और अन्य संगठनों ने सहयोग किया। बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्हें शेल्टर होम भेजा गया है। जानें इस रेस्क्यू की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें।
 

अंबाला में बच्चों का रेस्क्यू


  • जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने किया सहयोग


अंबाला। जिला युवा विकास संगठन को 'जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन' से एक गुप्त सूचना मिली कि गुरुवार को ट्रेन संख्या 12407 करमभूमि एक्सप्रेस से कुछ बच्चों को पंजाब में मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा है।


इस सूचना के आधार पर, संगठन के अध्यक्ष परमजीत सिंह बड़ोला ने तुरंत आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस को सूचित किया। इसके बाद, एक संयुक्त टीम ने ट्रेन में चेकिंग अभियान चलाया, जिसमें 10 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया।


प्रारंभिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें पंजाब के विभिन्न स्थानों पर काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। इसके बाद, संगठन ने बच्चों की काउंसलिंग शुरू की ताकि उनकी सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके।


बच्चों को शेल्टर होम भेजा गया


डीडीआर और मेडिकल प्रक्रिया के बाद, सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) अंबाला की अध्यक्ष रंजीता सचदेवा के समक्ष पेश किया गया। समिति ने निर्णय लिया कि बच्चों को देखभाल और संरक्षण के लिए ओपन शेल्टर होम, अंबाला छावनी में भेजा जाए। वर्तमान में, संगठन बच्चों के परिवार की तलाश कर रहा है और पुलिस भी परिजनों का पता लगाने में जुटी है।


इस रेस्क्यू अभियान में संगठन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अजय तिवारी, रुबल धीमान, हरदीप नडियाली, हलाम सिंह और हरविंदर सिंह शामिल थे। वहीं, आरपीएफ अंबाला से एसएचओ रविंदर सिंह, एसआई कविता और जीआरपी अंबाला से एसआई रामकुमार अपनी टीम के साथ इस अभियान में मौजूद रहे।