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अयोध्या दीपोत्सव 2023: मुख्यमंत्री योगी ने जलाए 26 लाख दीप, विपक्ष पर कसा तंज

अयोध्या में दीपोत्सव 2023 का आयोजन भव्य रूप से हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 लाख दीप जलाए। इस अवसर पर महाआरती का आयोजन भी किया गया। योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या अब विकास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। जानें इस महोत्सव की खास बातें और राजनीतिक बयानबाजी के बारे में।
 

दीपोत्सव का भव्य आयोजन


2017 से अयोध्या में मनाए जा रहे दीपोत्सव का यह संस्करण और भी भव्य था। दिवाली की पूर्व संध्या पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में दीप जलाकर इस महोत्सव की शुरुआत की। इसके बाद, स्वयंसेवकों ने अयोध्या के 56 घाटों पर दीप जलाए, जिससे पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस बार 26 लाख से अधिक दीप जलाए गए, जो इस आयोजन का एक नया रिकॉर्ड है। इसके साथ ही, सरयू नदी के किनारे महाआरती का आयोजन भी किया गया, जो दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव था.


महाआरती और दीप जलाने की प्रक्रिया

दीपोत्सव के दिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले रामकथा पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान राम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया। इसके बाद, वे राम मंदिर गए, जहां पूजा-अर्चना के बाद दीप प्रज्वलित किए गए। इसके बाद, सरयू घाट पर पहुंचकर महाआरती में भाग लिया गया। लगभग 15 मिनट के भीतर, 56 घाटों पर लाखों दीप जलाए गए। इस अवसर पर 2100 से अधिक विद्वानों ने महाआरती में भाग लिया। शाम को ड्रोन और लेजर शो ने उत्सव की रौनक को और बढ़ा दिया।


राजनीतिक बयानबाजी

इस भव्य आयोजन पर देश-विदेश की नजरें टिकी रहीं। मुख्यमंत्री योगी ने रामकथा पार्क में भगवान राम का राज्याभिषेक कर दीपोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और राम मंदिर प्रबंधन के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।


दीपोत्सव के मौके पर, सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब 2017 में दीपोत्सव की शुरुआत की गई थी, तो इसका उद्देश्य दुनिया को यह दिखाना था कि दीपक कैसे जलाए जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आलोचना की, जो राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान भगवान राम को मिथक बताने और राम भक्तों पर गोली चलाने के लिए जानी जाती हैं।


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अयोध्या विकास और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में अब तक एक करोड़ 51 लाख दीप जलाए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जहां पहले गोलियां चलती थीं, आज वहां दीप जल रहे हैं और उत्तर प्रदेश को पहचान का संकट नहीं है।