अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रगति: 90% कार्य पूरा
राम मंदिर निर्माण की त्रैमासिक बैठक
राम मंदिर अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की त्रैमासिक बैठक 7 जून 2025 को ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के निवास पर आयोजित की गई। इस बैठक में राम मंदिर के निर्माण की प्रगति, राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों, वित्तीय वर्ष 2024-25 के ऑडिट, और परिसर के सौंदर्यीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर का लगभग 90% निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा हो चुका है, जो भक्तों की आस्था और ट्रस्ट के समर्पण का प्रतीक है। बैठक में कुल 14 ट्रस्ट सदस्य शामिल हुए, जिनमें 11 सदस्य व्यक्तिगत रूप से और 3 सदस्य ऑनलाइन उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव ने भी ऑनलाइन भाग लिया।
निर्माण कार्य की प्रगति
90 प्रतिशत कार्य पूरा
बैठक में बताया गया कि राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और वर्तमान में 90% कार्य पूरा हो चुका है। चंपत राय ने कहा कि मंदिर का मुख्य ढांचा लगभग तैयार है और शेष कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की योजना है। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम दरबार के दर्शन जल्द ही भक्तों के लिए शुरू हो सकते हैं, और इसकी व्यवस्था पर विचार चल रहा है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में एडिटोरियल भवन, विश्रामगृह, और ट्रस्ट ऑफिस का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे पूर्ण होने में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा। सात मंदिरों और संत तुलसीदास मंदिर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।
महंत नृत्य गोपाल दास का जन्मदिन
महंत नृत्य गोपाल दास को दी जन्मदिन की बधाई
इस बैठक की अध्यक्षता महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने की। बैठक से पहले ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने महंत नृत्य गोपाल दास को अंगवस्त्र पहनाकर उनके जन्मदिन की बधाई दी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि बैठक में 3 से 5 जून तक हुए प्राण प्रतिष्ठा के आयोजनों की जानकारी दी गई। भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि अगले 10 दिनों में राम दरबार का दर्शन शुरू हो सकता है। हालांकि, चंपत राय ने कहा कि परिस्थितियों पर हमारा नियंत्रण नहीं है। उन्होंने बताया कि 40 सीढ़ियां हैं और उन पर सफेद मार्बल लगा है। अभी पत्थर पर पानी की बूंदें दिखाई नहीं देती हैं, और सीढ़ियों पर रेलिंग भी नहीं हैं। लिफ्ट का कार्य भी अधूरा है। कार्य को शीघ्रता से किए जाने के प्रयास हो रहे हैं।
वित्तीय ऑडिट की प्रक्रिया
सभी खातों का हो रहा है ऑडिट
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ट्रस्ट ने अपने वित्तीय विवरण साझा किए। चंपत राय ने बताया कि सभी खातों का ऑडिट सरकार द्वारा निर्धारित तिथियों के अनुसार समय पर हो रहा है। ट्रस्ट की वित्तीय प्रक्रियाएं पूरी तरह पारदर्शी हैं, और भक्तों का दान मंदिर निर्माण, यात्री सुविधाओं और अन्य कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी खर्च नियमों के अनुरूप हैं, जिससे ट्रस्ट की विश्वसनीयता और भक्तों का विश्वास बना रहे। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि का उपयोग सावधानीपूर्वक किया जा रहा है, और ऑडिट प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है।
भव्य प्रवेश द्वारों की योजना
जगद्गुरुओं के नाम पर होंगे प्रवेश द्वार
राम मंदिर परिसर को चार भव्य प्रवेश द्वारों से सजाने की योजना है, जिनका नामकरण प्रतिष्ठित जगद्गुरुओं के नाम पर किया गया है। मुख्य प्रवेश द्वार का नाम जगद्गुरु रामानंदाचार्य, तीसरे गेट का नाम जगद्गुरु माधवाचार्य, ग्यारहवें गेट का नाम जगद्गुरु शंकराचार्य, और जैन मंदिर के सामने उत्तर दिशा के गेट का नाम जगद्गुरु रामानुजाचार्य के नाम पर होगा। उत्तर दिशा का गेट निर्माण पूर्ण हो चुका है, जबकि गेट नंबर 11 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ये प्रवेश द्वार मंदिर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता को और बढ़ाएंगे, और भक्तों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे।
भक्तों के लिए सुविधाएं
भक्तों के लिए की जा रही हैं सुविधाएं
मंदिर परिसर में यात्री सुविधा केंद्र तैयार हो चुका है, जिसमें निषाद राज, शबरी, और अहिल्या की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। यह केंद्र भक्तों के लिए सुविधाजनक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा। इसके अलावा, मंदिर परिसर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी पूरा हो चुका है, जो भक्तों के लिए स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। ट्रस्ट ने 4 किलोमीटर की परिधि में एक सुंदर और टिकाऊ बाउंड्री वॉल बनाने का निर्णय लिया है, जिसे सौंदर्यपूर्ण और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। यह बाउंड्री वॉल मंदिर की सुरक्षा और सौंदर्य को और बढ़ाएगी।
ध्वज फहराने की योजना
नवंबर में फहराया जाएगा ध्वज
बैठक में नवंबर 2025 में सभी मंदिरों में ध्वज फहराने के कार्यक्रम पर चर्चा की गई। मौसम की दृष्टि से नवंबर को इस आयोजन के लिए उत्तम माना गया है। यह आयोजन मंदिर परिसर की भव्यता को और बढ़ाएगा, और भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होगा। इसके साथ ही, एडिटोरियल भवन, विश्रामगृह, और ट्रस्ट ऑफिस के निर्माण कार्य को अगले एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आगामी बैठक की योजना
ट्रस्ट की अगली बैठक सितंबर 2025 में होगी, जिसमें इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। कामेश्वर चौपाल की भूमिका पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। बैठक में महासचिव चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष नपेंद्र मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, जगद्गुरु मध्वाचार्य विश्व प्रसन्नतीर्थ, युगपुरुष स्वामी परमानंद, डॉ. अनिल मिश्र, राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आदि उपस्थित रहे।