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अलवर में आगजनी से किसान परिवार बेघर, 10 लाख रुपये का नुकसान

राजस्थान के अलवर जिले में एक किसान परिवार की झोपड़ी में आग लगने से 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस घटना ने परिवार को बेघर कर दिया है, और अब वे खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ और प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं।
 

अलवर में आगजनी की घटना

अलवर आग दुर्घटना: राजस्थान के अलवर जिले के तिजारा क्षेत्र में शुक्रवार रात एक गंभीर घटना घटी। सरिस्का से विस्थापित 40 वर्षीय किसान बनवारी नाथ की झोपड़ी में अचानक आग लग गई। इस हादसे में उनका सारा सामान जलकर राख हो गया, जिसमें 10 लाख रुपये नकद भी शामिल थे, जो उन्हें विस्थापन मुआवजे के रूप में मिले थे। सौभाग्य से, परिवार के सभी सदस्य समय पर बाहर निकल आए और किसी की जान नहीं गई।


सूत्रों के अनुसार, घटना के समय बनवारी नाथ आंगन में सो रहे थे, जबकि उनकी पत्नी, पुत्रवधू और छोटे बच्चे झोपड़ी के अंदर थे। अचानक आग की लपटें उठने लगीं, जिससे बच्चों ने शोर मचाया। आवाज सुनकर बनवारी नाथ ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि, झोपड़ी और उसमें रखा सारा सामान आग की चपेट में आ गया।


खुले आसमान के नीचे जीवन यापन

खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने को मजबूर


गांव के निवासियों ने बताया कि बनवारी नाथ सहित लगभग 100 परिवारों को सरिस्का टाइगर रिजर्व से विस्थापित कर मालीयर जट्ट गांव में बसाया गया था। इस आगजनी ने परिवार को पूरी तरह से बेघर कर दिया है और अब वे खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। इस घटना के बाद परिवार की स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि जिस राशि से वे अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते थे, वह कुछ ही क्षणों में राख बन गई।


प्रशासन की तत्परता

मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी


घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया। तिजारा के एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि तहसीलदार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कोष से प्रभावित परिवार को शीघ्र राहत प्रदान की जाएगी और नियमों के अनुसार जले हुए नोटों को बदलवाने का प्रयास किया जाएगा। एसडीएम ने स्थानीय लोगों से भी पीड़ित परिवार की सहायता के लिए आगे आने की अपील की है। गांव वालों ने आर्थिक सहायता जुटाने का आश्वासन दिया है। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है。