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अलवर में नए उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन की खोज जारी

राजस्थान के अलवर जिले में नए उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन की पहचान की जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें धोखा दिया जा रहा है। 2021 में की गई घोषणा के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है। जानें इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों की राय और भविष्य की संभावनाएं।
 

राजस्थान में उद्योगों की नई संभावनाएं


राजस्थान समाचार : अलवर जिले के मालाखेड़ा क्षेत्र में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के आसपास 10, 25 और 50 किलोमीटर के दायरे में नए उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन की पहचान की जा रही है। इसके लिए लगभग सौ बीघा भूमि को चिह्नित किया जाना है। 

हाल ही में राजस्थान में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन हुआ था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय उद्यमियों और निवेशकों ने भाग लिया। उन्होंने भौगोलिक स्थिति के अनुसार उद्योग स्थापित करने पर चर्चा की। इसके लिए 100 बीघा भूमि की पहचान की जानी है। अलवर जिला कलक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मालाखेड़ा भी इस दायरे में आता है। इस संबंध में उपखंड अधिकारी को जमीन की तलाश के लिए पत्र भेजा गया है।

2021 की घोषणा का कोई असर नहीं

मालाखेड़ा में उद्योग स्थापित करने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने मार्च 2021 में बजट में घोषणा की थी। इसके बाद राजस्व, निर्माण और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जाकर भूमि का सत्यापन किया। 90 बीघा में से 82 बीघा भूमि उद्योग के लिए उपयुक्त पाई गई। इस भूमि को रीको के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव 11 अप्रैल 2021 को जिला कलक्टर को भेजा गया था।

हालांकि, तीन साल और छह महीने बीत जाने के बाद भी बरखेड़ा में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह योजना ठप हो गई है। यहां सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी रीको कंपनी ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए मार्ग सूचक लगा दिया था, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। इस पर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

उद्योग स्थापना के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें धोखा दिया जा रहा है। उद्योग यहीं स्थापित किए जाने चाहिए। मालाखेड़ा की प्रधान वीरवती ने बताया कि क्षेत्र के शिक्षित आईटीआई धारकों और लघु उद्योग स्थापित करने वालों को अवसर मिलना चाहिए। इसलिए उद्योग को चिह्नित भूमि पर ही स्थापित कर क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करना चाहिए।