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असदुद्दीन ओवैसी का नीतीश सरकार को समर्थन: सीमांचल के विकास की मांग

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा जताई है, लेकिन उन्होंने सीमांचल के विकास की शर्त रखी है। ओवैसी ने कहा कि राज्य की नीतियों को केवल राजधानी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उपेक्षित क्षेत्रों तक भी पहुंचना चाहिए। उन्होंने सीमांचल की समस्याओं, जैसे नदी कटाव और पलायन पर चिंता व्यक्त की। इसके अलावा, ओवैसी ने अपने विधायकों के लिए नई कार्यशैली की घोषणा की, जिसमें क्षेत्रीय कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करने की बात कही गई।
 

नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा


AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन इसके साथ उन्होंने एक महत्वपूर्ण शर्त भी रखी है। अमौर में आयोजित एक विशाल जनसभा में ओवैसी ने कहा कि राज्य में विकास की किरणें केवल पटना या राजगीर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि सीमांचल जैसे उपेक्षित क्षेत्रों तक भी पहुंचनी चाहिए।


सीमांचल की समस्याओं पर ओवैसी की चिंता

ओवैसी ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार सीमांचल की वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाती है, तो AIMIM उसका समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि कब तक राज्य की नीतियां और संसाधन केवल राजधानी और कुछ विशेष शहरों के चारों ओर घूमते रहेंगे?


उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमांचल आज भी नदी कटाव, बड़े पैमाने पर पलायन और व्यापक भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। हर साल कोसी नदी के उफान के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। ओवैसी ने बताया कि सीमांचल की लगभग 80% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और यह क्षेत्र राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है।


सीमांचल का राजनीतिक महत्व

राजनीतिक दृष्टि से सीमांचल एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां मुस्लिम आबादी का एक बड़ा हिस्सा निवास करता है। इस क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटें महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। हाल ही में एनडीए ने सीमांचल में 14 सीटें जीतीं, जबकि AIMIM ने लगातार दूसरी बार 5 सीटों पर जीत हासिल की। 2020 में भी पार्टी ने 5 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में उसके चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे।


विधायकों के लिए नई कार्यशैली का ऐलान

ओवैसी ने अपने विधायकों के लिए एक नई कार्यशैली की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने चुने हुए प्रतिनिधियों पर कड़ी निगरानी रखेगी, ताकि जनता के बीच उनकी सक्रियता सुनिश्चित हो सके। इसके लिए AIMIM के सभी विधायक सप्ताह में दो दिन अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे और अपनी लाइव लोकेशन के साथ फोटो भेजेंगे। यह व्यवस्था अगले छह महीनों में लागू करने का लक्ष्य है, और ओवैसी स्वयं भी हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे।


अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सीमांचल की जनता AIMIM के साथ मजबूती से खड़ी है और आगे भी रहेगी। उनकी बातों से यह स्पष्ट था कि पटना की राजनीति में सीमांचल की आवाज़ को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं होगा, क्योंकि राज्य का असली संदेश अब यहीं से जाएगा।