असम के पत्रकार का अमेरिका वीजा अस्वीकृत, सोशल मीडिया पर उठे सवाल
असम के युवा पत्रकार का वीजा मामला
अमेरिका का वीजा अस्वीकृत: असम के कौशिक राज, जो एक युवा पत्रकार हैं, का सपना था कि वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डेटा जर्नलिज्म में मास्टर्स करें। उन्हें यूनिवर्सिटी द्वारा 1 लाख डॉलर (लगभग ₹89 लाख) की स्कॉलरशिप भी दी गई थी। हालांकि, सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद, अमेरिकी दूतावास ने उनका वीजा रद्द कर दिया। कौशिक का मानना है कि यह निर्णय उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल के कारण लिया गया।
कौशिक ने बताया कि उनका वीजा इंटरव्यू 29 जुलाई को हुआ था, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें एक पर्ची दी और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को सार्वजनिक करने के लिए कहा। इसके बाद, 4 अगस्त को उनके वीजा आवेदन की स्थिति 'रिफ्यूज्ड' दिखाई दी। 11 अगस्त को यह 'एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेसिंग' में बदल गया, लेकिन 14 अगस्त को फिर से 'रिफ्यूज्ड' कर दिया गया। उनका कहना है कि यदि इंटरव्यू के दौरान कोई समस्या होती, तो वीजा उसी समय अस्वीकृत किया जाता, लेकिन सोशल मीडिया की जांच के बाद ऐसा किया गया, जो चिंताजनक है।
सोशल मीडिया वेटिंग पॉलिसी पर सवाल
सोशल मीडिया की जांच का मुद्दा:
कौशिक का कहना है कि अमेरिकी वीजा अस्वीकृति का असली कारण सोशल मीडिया वेटिंग है। अमेरिका ने इस वर्ष की शुरुआत में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जाएगी। इसमें छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स के एफ, एम और जे वीजा भी शामिल हैं।
राज का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली पोस्ट और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते हैं, जो शायद अमेरिकी अधिकारियों को संदिग्ध लगा हो। हालांकि, इस बात का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है कि उनके वीजा को सोशल मीडिया गतिविधियों के कारण ही ठुकराया गया।
वीजा अस्वीकृति का औपचारिक कारण
रिजेक्शन लेटर का विवरण:
कौशिक को मिले रिजेक्शन लेटर में कहा गया है कि उन्होंने यह साबित नहीं किया कि अमेरिका में उनका रहना वीजा की शर्तों के अनुरूप होगा। पत्र में यह भी लिखा था कि उन्होंने ऐसे 'टाईज' नहीं दिखाए जो यह साबित करें कि वे पढ़ाई के बाद अपने देश लौटेंगे। कौशिक का मानना है कि यह केवल एक औपचारिक बहाना है, असली कारण सोशल मीडिया जांच ही है।
कौशिक की भविष्य की योजनाएं
आगे की राह:
कौशिक पहले भी 2023 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लिए चयनित हुए थे, लेकिन फंडिंग न मिलने के कारण नहीं जा पाए। इस बार स्कॉलरशिप मिलने के बावजूद वीजा रद्द होने से उनका सपना फिर अधूरा रह गया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने उनका एडमिशन अगले साल के लिए टाल दिया है, लेकिन वे अब अधिक आशावादी नहीं हैं क्योंकि 'फिर से सोशल मीडिया जांच' होगी। अब वे किसी अन्य देश में डेटा जर्नलिज्म की पढ़ाई करने पर विचार कर रहे हैं।