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इटली में यौन अपराधियों के लिए केमिकल कैस्ट्रेशन का प्रस्ताव

इटली में हाल के वर्षों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने सरकार को कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। सरकार अब यौन अपराधियों के लिए 'केमिकल कैस्ट्रेशन' की योजना पर विचार कर रही है, जिससे उनकी यौन इच्छाओं को दबाया जा सके। यह उपचार स्वैच्छिक होगा और इसके पीछे के कारणों और प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की जा रही है। जानें इस प्रस्ताव के बारे में और क्या सोचते हैं विशेषज्ञ और राजनीतिक दल।
 

इटली में यौन अपराधों की बढ़ती घटनाएं

हाल के वर्षों में इटली में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसने न केवल समाज को झकझोर दिया है बल्कि सरकार को भी कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। जनता के आक्रोश और अपराधों को रोकने के उद्देश्य से, इटली सरकार एक सख्त प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है।


यौन अपराधियों के लिए 'केमिकल कैस्ट्रेशन' की योजना: इटली की सरकार गंभीर यौन अपराधों के दोषियों के लिए एक नई व्यवस्था पर विचार कर रही है, जिसमें उन्हें 'केमिकल कैस्ट्रेशन' जैसी सजा दी जा सकेगी। यह सजा शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि दवाओं के माध्यम से लागू की जाएगी, जिससे अपराधियों की यौन इच्छाओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।


यह उपचार पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा और अस्थायी रूप से लागू किया जा सकेगा, यानी इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है। यदि कोई दोषी इस उपचार को स्वीकार करता है, तो उसे जेल की सजा में कुछ राहत मिलने की संभावना हो सकती है।


क्यों उठाया गया यह कदम: हाल ही में देश में बच्चों के खिलाफ सामूहिक यौन उत्पीड़न के कई गंभीर मामले सामने आए हैं, जिससे समाज में भय और रोष फैल गया है। विशेष रूप से नाबालिगों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पृष्ठभूमि में, सरकार का मानना है कि नए कानून के माध्यम से पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।


राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं: प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की सरकार और 'लीग पार्टी' ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका मानना है कि इस कदम से यौन अपराधियों के पुनः अपराध करने की संभावना कम होगी और पीड़ितों को न्याय का भरोसा मिलेगा।


हालांकि, मानवाधिकार संगठनों और कुछ विपक्षी दलों ने इस पहल पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार का उपचार मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है और यह नैतिक रूप से अनुचित भी है।


चिकित्सकों की राय भी बंटी हुई है: कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यौन अपराध केवल यौन प्रवृत्तियों के कारण नहीं होते, बल्कि इसके पीछे अक्सर आक्रोश, सत्ता का दुरुपयोग और मानसिक असंतुलन जैसे जटिल कारण होते हैं। ऐसे में केवल यौन इच्छाओं को दबाना समाधान नहीं हो सकता।


सरकार ने इस प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है और एक विशेष समिति का गठन किया गया है जो इस पर मसौदा तैयार कर रही है। मसौदा तैयार होने के बाद इसे संसद में बहस के लिए पेश किया जाएगा और उसके बाद इसे कानून का रूप दिया जाएगा।