ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया
ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले
ईरान पर अमेरिकी हमले: ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद, क्षेत्र में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, इजरायल पर ईरानी मिसाइलों की बौछार भी हुई है। इस संकट के बीच, सऊदी अरब, कतर और ओमान जैसे मुस्लिम देशों ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। इन सभी देशों ने अमेरिका के हमलों की कड़ी निंदा की है, जिसमें पाकिस्तान का नाम भी शामिल है।
पाकिस्तान की स्थिति
हाल ही में, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिका में व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की थी, जिससे यह आशंका जताई जा रही थी कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ है। लेकिन ईरान पर हमलों के बाद, पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कदम की खुलकर निंदा की है। यह स्पष्ट हो गया है कि पश्चिमी देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं।
कतर की प्रतिक्रिया
‘विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं’
कतर के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह कदम न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। कतर ने हाल के वर्षों में अमेरिका और ईरान दोनों के साथ संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है।
ओमान का बयान
‘अमेरिका का हमला अवैध’
ओमान ने भी अमेरिकी हमलों की आलोचना की है और इसे अवैध बताया है। ओमानी सरकार ने कहा है कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है। ओमान क्षेत्र में शांति और संवाद का पक्षधर है और लंबे समय से ईरान और पश्चिम के बीच मध्यस्थता करता आ रहा है।
सऊदी अरब की अपील
‘सभी पक्ष संयम बरतते’
सऊदी अरब ने ईरान पर अमेरिकी हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। यह बयान कूटनीतिक और संतुलित माना जा रहा है, जो क्षेत्र में संघर्ष से दूर रहने के प्रयास को दर्शाता है।
पाकिस्तान का धोखा
पाकिस्तान ने दिया अमेरिका को धोखा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ईरान पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने ईरानी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इसे गैरजिम्मेदाराना हरकत बताया।