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उचाना सुपरफास्ट ट्रेन स्टॉप की मंजूरी, कांग्रेस सांसद JP ने दी खुशखबरी

कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने उचाना में सुपरफास्ट ट्रेन स्टॉप की मंजूरी की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन स्थानीय यात्रियों के लिए राहत लाएगी। इसके अलावा, बड़ौदा गांव में रेलवे हॉल्ट पर नई ट्रेनों के ठहराव की योजना भी है। सांसद ने हरियाणा में बढ़ते अपराध और बारिश के कारण फसलों के नुकसान पर चिंता जताई और सरकार से मुआवजे की मांग की। जानें इस महत्वपूर्ण खबर के बारे में और अधिक जानकारी।
 

उचाना सुपरफास्ट ट्रेन स्टॉप की घोषणा

उचाना सुपरफास्ट ट्रेन स्टॉप की मंजूरी: कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने रविवार को उचाना में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। अपने विधानसभा दौरे के दौरान, सांसद जेपी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत की और पार्टी की भविष्य की नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली कैंट-भटिंडा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन (20409/10) जल्द ही उचाना रेलवे स्टेशन पर रुकेगी।


लंबे समय से की जा रही थी मांग

जेपी ने कहा कि यह मांग काफी समय से उठाई जा रही थी। उन्होंने रेल मंत्री (Ashwini Vaishnaw) को पत्र लिखा था और अब सकारात्मक उत्तर प्राप्त हुआ है। यह ट्रेन स्टॉप स्थानीय यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और यात्रा को और अधिक सुगम बनाएगा।


बड़ौदा हॉल्ट पर नई ट्रेनों का ठहराव

बड़ौदा गांव में रेलवे हॉल्ट पर नई ट्रेनों के ठहराव की योजना

सांसद जयप्रकाश ने अपने दौरे के दौरान बताया कि बड़ौदा गांव में बने रेलवे हॉल्ट पर अन्य ट्रेनों को भी ठहराने की योजना है। इससे आसपास के गांवों के लोग भी रेल यात्रा का लाभ उठा सकेंगे।


फुटओवर ब्रिज का निर्माण

इसके अलावा, खटकड़ गांव की तर्ज पर दिल्ली-पटियाला हाईवे पर एक फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसका उद्देश्य सड़क मार्ग को सुरक्षित बनाना है ताकि यात्री आसानी से क्रॉस कर सकें।


हरियाणा में अपराध और बारिश से नुकसान पर चिंता

भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए

अपनी यात्रा के दौरान, सांसद जेपी ने भाजपा सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध की दर लगातार बढ़ रही है। किसान, व्यापारी और आम लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान पर भी चिंता जताई। खेतों में कई फीट पानी भर चुका है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। उन्होंने सरकार से विशेष जांच कराने और किसानों को ₹60,000 प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की।