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उत्तर प्रदेश के शामली में परिवारिक विवाद ने ली तीन जिंदगियां, जानें पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर दी। यह घटना कट्टर सोच और पारिवारिक कलह के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है। आरोपी ने अपनी पत्नी को बिना बुर्का पहने मायके जाने पर गोली मारी, और जब उसकी बेटियां बचाने आईं, तो उन्हें भी मार दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी।
 

शामली में दिल दहला देने वाली घटना


शामली: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक भयावह घटना ने पूरे समाज को हिला कर रख दिया है। कांधला थाना क्षेत्र के गढ़ी दौलत गांव में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी। आरोपी का गुस्सा इस कदर भड़का कि उसने केवल इस वजह से अपने परिवार के तीन सदस्यों की जान ले ली, क्योंकि उसकी पत्नी बिना बुर्का पहने अपने मायके गई थी। यह घटना कट्टर सोच और पारिवारिक कलह के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है, जो समाज में गहराई से व्याप्त हैं। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी फारुख ने इस जघन्य अपराध को सात दिन पहले रात के अंधेरे में अंजाम दिया। उसने शवों को घर के आंगन में छिपाने की कोशिश की, लेकिन परिवार के सदस्यों के संदेह ने मामले का खुलासा कर दिया। अब आरोपी पुलिस की हिरासत में है, और आगे की जांच जारी है। यह घटना महिलाओं की स्वतंत्रता और पारंपरिक मान्यताओं के बीच टकराव को दर्शाती है, जो अक्सर हिंसक रूप ले लेती है।


मामले का खुलासा कैसे हुआ?

पुलिस के अनुसार, फारुख शादी-समारोहों में खाना बनाने का काम करता था और अपनी पत्नी ताहिरा (32) तथा पांच बच्चों के साथ गांव में निवास करता था। उसके बच्चे आफरीन (14), आसमीन (10), सहरीन (7), बिलाल (9) और अरशद (5) हैं। फारुख का अपने माता-पिता से लंबे समय से विवाद था, जिसके कारण वह अलग घर में रह रहा था। घटना से पहले उसकी पत्नी और दो बेटियां छह दिनों से गायब थीं। फारुख के पिता दाउद ने कई बार पूछताछ की, लेकिन वह बहाने बनाता रहा और कहता रहा कि उसने उन्हें शामली में किराए के घर में रखा है। जब दाउद को संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो उन्होंने मंगलवार शाम को पुलिस से संपर्क किया और बेटे पर हत्या का संदेह जताया।


पूछताछ में आरोपी ने उगला राज

पुलिस ने फारुख को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसकी पत्नी अक्सर उससे झगड़ती थी और घर को अपने तरीके से चलाना चाहती थी। इसके अलावा, एक महीने पहले वह बिना बुर्का पहने मायके गई थी, जिससे उसकी इज्जत को ठेस पहुंची। इसी रंजिश में उसने 10 दिसंबर की रात करीब 12 बजे रसोईघर में ताहिरा को गोली से मार डाला।


जब बड़ी बेटी आफरीन जाग गई और मौके पर आई, तो फारुख ने उसे भी गोली मार दी। छोटी बेटी सहरीन वहां पहुंची, तो उसने उसका गला घोंटकर जान ले ली। तीनों की हत्या करने के बाद फारुख ने शवों को आंगन में शौचालय के लिए पहले से खोदे गए 9 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया और ऊपर ईंटों का फर्श बना दिया।


पुलिस ने शव बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार किया

फारुख की निशानदेही पर पुलिस ने गड्ढे की खुदाई की और तीनों शव निकाले। मौके पर एसपी एनपी सिंह और सीओ कैराना पुलिस टीम के साथ पहुंचे। एसपी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने शादी के बाद से ही पत्नी को पर्दे में रखा था। बिना बुर्का मायके जाने से उसकी इज्जत खराब हो गई थी, इसलिए उसने पत्नी और दोनों बेटियों को मौत के घाट उतार दिया।


गांव में फैली सनसनी, परिवार की आपबीती

घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। आरोपी की मां असगरी ने बताया कि बच्चों ने उन्हें सूचना दी थी कि छह दिन पहले रात में सभी एक साथ सोए थे, लेकिन सुबह उठने पर मां और दोनों बहनें गायब थीं। तीन दिन पहले फारुख ने पत्नी के कपड़े जला दिए थे, जिससे शक और बढ़ गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है। यह घटना कट्टरपंथी विचारधारा और घरेलू विवादों के भयानक परिणामों को सामने लाती है.