उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की पदयात्रा: बेरोज़गारी और सामाजिक न्याय की मांग
पदयात्रा का जनसमर्थन
उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा आयोजित 'रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो' पदयात्रा ने चौथे दिन कूरेभार से कटका तक व्यापक जनसमर्थन प्राप्त किया। हर गांव और चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश की जनता बदलाव की उम्मीद कर रही है।
सांसद संजय सिंह का संदेश
कूरेभार में सांसद संजय सिंह ने युवाओं से रोजगार से संबंधित मुद्दों को संसद में उठाने का आश्वासन दिया। पटना चौराहा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आशा बहुओं और स्थानीय निवासियों ने पदयात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। कूरेभार, गुफ्तारगंज, बाबूगंज और कटरा बाजार में भी आम आदमी पार्टी का समर्थन देखने को मिला।
संजय सिंह ने भावुक होकर कहा कि यह उनका गृहजनपद है और यहां की समस्याएं केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि व्यक्तिगत अनुभव हैं। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में जिले की बुनियादी सुविधाएं लगातार deteriorate हुई हैं। सड़कें इतनी खराब हैं कि रोज़ाना दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। बिजली की कटौती भी एक गंभीर समस्या है, जहां 24 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे बिजली मिलती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और दुकानदारों का काम प्रभावित हो रहा है।
आशा बहुओं की समस्याएं
पदयात्रा के दौरान सांसद ने आशा बहुओं की समस्याओं को भी उठाया। उन्होंने कहा कि महिलाएं कठिन परिस्थितियों में समाज की सेवा कर रही हैं, लेकिन उनका मानदेय बहुत कम है। संजय सिंह ने आशा बहुओं को आश्वासन दिया कि वे उनकी आवाज़ संसद तक पहुंचाएंगे। इस अवसर पर कई नेताओं ने पदयात्रा का स्वागत किया।
सुल्तानपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक दवाइयों, जांच और डॉक्टरों की कमी है। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज में 'कागज पर एक्स-रे रिपोर्ट' की घटना का उल्लेख कर स्वास्थ्य तंत्र की विफलता को उजागर किया।
पेपर लीक और बेरोज़गारी पर संजय सिंह की राय
युवाओं की बेरोज़गारी और पेपर लीक के मुद्दे पर संजय सिंह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में शिक्षक, पुलिस और RO/ARO जैसी भर्ती प्रक्रियाएं भ्रष्टाचार और पेपर लीक के कारण विफल रही हैं। इससे युवाओं के सपनों को लगातार नुकसान हुआ है।
सांसद ने कहा कि यही कारण है कि पदयात्रा में हजारों लोग बेरोज़गारी, महंगाई और बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ एकत्र हुए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुल्तानपुर की लड़ाई उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है और यह आंदोलन जनता के अधिकारों के लिए जारी रहेगा।