उत्तर प्रदेश सरकार ने छह विशेष सचिवों के तबादले किए, जानें नई नियुक्तियों के बारे में
लखनऊ में प्रशासनिक फेरबदल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत छह विशेष सचिवों के तबादले किए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों में कार्यकुशलता को बढ़ाना, नीतियों के कार्यान्वयन को प्रभावी बनाना और प्रशासनिक प्रणाली को अधिक सक्षम बनाना है। खास बात यह है कि जिन अधिकारियों का तबादला हुआ है, उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में नया विशेष सचिव
चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिला नया विशेष सचिव
सरकार ने प्रभात कुमार को चिकित्सा शिक्षा विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया है। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, और प्रभात कुमार को इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। इस बदलाव से मेडिकल कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के कार्यों में सुधार की उम्मीद है।
लोक निर्माण विभाग में नई तैनाती
लोक निर्माण विभाग में दीपक कोहली की तैनाती
दीपक कोहली को लोक निर्माण विभाग (PWD) का विशेष सचिव बनाया गया है। यह विभाग सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। दीपक कोहली को इस क्षेत्र में अनुभव रखने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
कृषि और अन्य विभागों में नए चेहरे
कृषि, नियोजन, खाद्य रसद और राजस्व में भी नए चेहरे
सर्वेश कुमार सिंह को कृषि विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया है। यह तैनाती किसानों के हित में योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण है। अनिल कुमार सिंह को नियोजन विभाग में भेजा गया है, जो राज्य की विकास योजनाओं और बजट से संबंधित है। शिवाजी सिंह को खाद्य रसद विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है, जो खाद्यान्न वितरण और जन वितरण प्रणाली से जुड़ा है। राजाराम द्विवेदी को राजस्व विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई है, जो सीधे जनता से संबंधित है।
प्रशासनिक दक्षता में सुधार का प्रयास
प्रशासनिक सुचिता और जवाबदेही को बढ़ाने का प्रयास
सरकार द्वारा किया गया यह तबादला एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसका उद्देश्य विभागों में नई ऊर्जा और उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ाना भी है। सभी अधिकारियों को तुरंत कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे प्रदेश के विभिन्न योजनागत कार्यों में नई गति आने की भी उम्मीद है।