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उद्धव ठाकरे का बीएमसी चुनाव पर जोरदार संदेश: पार्टी की एकता जरूरी

उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने पार्टी की जीत को प्राथमिकता देने की अपील की और कांग्रेस तथा भाजपा पर तीखा हमला किया। ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को छोड़कर पार्टी के लिए काम करने का आग्रह किया। उन्होंने गठबंधन की चुनौतियों और सीट बंटवारे पर भी स्पष्टता दी। जानें इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने क्या कहा और पार्टी की रणनीति क्या होगी।
 

शिवसेना की महत्वपूर्ण बैठक


नई दिल्ली: बीएमसी चुनावों के मद्देनजर शिवसेना (यूबीटी) में संभावित विभाजन की चिंताओं को देखते हुए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को दादर स्थित शिवसेना भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता, नगरसेवक और स्थानीय कार्यकर्ता शामिल हुए। उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा कि बीएमसी चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के लिए 'करो या मरो' की स्थिति है और किसी भी स्थिति में आपसी फूट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


बीएमसी चुनाव की अहमियत

बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीएमसी केवल एक स्थानीय निकाय नहीं है, बल्कि यह मुंबई और महाराष्ट्र की आत्मा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को छोड़कर पार्टी की जीत को प्राथमिकता दें। उद्धव ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की असली सुरक्षा केवल शिवसेना ही कर सकती है, और यही कारण है कि पार्टी को कमजोर करने की लगातार साजिशें चल रही हैं।


धनुष-बाण का संदर्भ

उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को छूते हुए चुनाव चिह्न के छीने जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब धनुष-बाण हमसे छीन लिया गया, तो हमें मशाल कैसे मिली? उन्होंने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील की कि कोई भी दल-बदल न करे और एक बार उनकी कुर्सी पर बैठकर हालात को समझने की कोशिश करे। उद्धव ने कहा कि विश्वासघात से केवल पार्टी को नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता को नुकसान पहुंचता है।


कांग्रेस और बीजेपी पर आरोप

अपने भाषण में उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिवसेना का गलत इस्तेमाल किया और कांग्रेस के साथ उनका अनुभव भी निराशाजनक रहा। उद्धव ने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों के बावजूद शिवसेना (यूबीटी) ने मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए एमएनएस के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि गठबंधन में हर निर्णय मनमुताबिक नहीं होता, लेकिन बड़े उद्देश्य के लिए त्याग आवश्यक है।


सीट बंटवारे पर स्पष्टता

उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि गठबंधन में कुछ वार्ड छोड़ने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि आप गठबंधन चाहते हैं, लेकिन अपने वार्ड को छोड़े बिना यह संभव नहीं है। उन्होंने समझाया कि एमएनएस के साथ आना एक भावनात्मक और वैचारिक निर्णय है, जो मराठी पहचान को मजबूत करेगा। टिकट न मिलने पर तुरंत दूसरी पार्टी में जाने की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने सवाल उठाए।


जोश भरा समापन

अपने संबोधन के अंत में उद्धव ठाकरे ने जोश के साथ कहा कि शिवसेना को खत्म करने की कोशिशें नई नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुंबई में शिवसेना कमजोर हुई, तो महाराष्ट्र को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे और सभी को टिकट मिलना संभव नहीं है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि पार्टी का वार्ड जीते। उद्धव ने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवा झंडे ने कई संघर्ष देखे हैं और इतिहास गवाह है, किस्मत हमेशा बहादुरों का साथ देती है, कायरों का नहीं।