ओडिशा में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: गणेश उइके समेत तीन माओवादी ढेर
ओडिशा में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता
ओडिशा: ओडिशा में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। कंधमाल जिले में हुई मुठभेड़ में सीपीआई के प्रमुख नेता गणेश उइके को मार गिराया गया, जिन पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम था। यह मुठभेड़ 25 दिसंबर को खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए विशेष अभियान के दौरान हुई।
गणेश उइके की भूमिका
गणेश उइके सीपीआई की केंद्रीय समिति का सदस्य था और ओडिशा में संगठन के सैन्य और रणनीतिक अभियानों का नेतृत्व कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे, इसलिए यह कार्रवाई एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
खुफिया सूचना पर आधारित अभियान
पुलिस के अनुसार, कंधमाल जिले के जंगलों में माओवादी गतिविधियों की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद ओडिशा पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई बार गोलीबारी हुई, जिसमें गणेश उइके मारा गया। डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, यह कार्रवाई सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित थी।
तीन माओवादी मारे गए
मुठभेड़ में कुल तीन माओवादी मारे गए, जिनमें एक महिला कार्यकर्ता भी शामिल थी। अन्य दो माओवादियों की पहचान बारी उर्फ राकेश और अमृत के रूप में हुई है, जो छत्तीसगढ़ के निवासी थे और उन पर 23.65 लाख रुपये का इनाम था।
तलाशी अभियान में एक और शव बरामद
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ स्थल के आसपास चलाए गए गहन तलाशी अभियान के दौरान एक अन्य महिला माओवादी का शव भी मिला है, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। सुरक्षा बल यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इलाके में कोई अन्य माओवादी छिपा न हो।
संयुक्त ऑपरेशन का विस्तार
इस अभियान में एसओजी के अलावा सीआरपीएफ और बीएसएफ की 23 टीमें शामिल थीं, जिन्हें कंधमाल और गंजाम जिलों के वन क्षेत्रों में तैनात किया गया था। सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच कई बार आमना-सामना हुआ, जिसके परिणामस्वरूप चार माओवादियों के शव बरामद हुए।
हथियार और संचार उपकरण जब्त
मुठभेड़ स्थलों से INSAS राइफलें, .303 राइफल, रिवॉल्वर और कई संचार उपकरण जब्त किए गए हैं। राहत की बात यह है कि इस पूरे ऑपरेशन में किसी भी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है। क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
आत्मसमर्पण के बाद बढ़ी कार्रवाई
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में मलकानगिरी जिले में 22 माओवादियों ने ओडिशा के पुलिस महानिदेशक के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। सुरक्षा एजेंसियां इसे राज्य में माओवादी नेटवर्क के कमजोर होने का संकेत मान रही हैं।