ओडिशा में लव जिहाद का मामला: मुस्लिम महिला ने पति पर गंभीर आरोप लगाए
भुवनेश्वर में लव जिहाद का विवाद
भुवनेश्वर: ओडिशा के केंदरापाड़ा जिले में एक कथित 'लव जिहाद' मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें धर्म छिपाकर हिंदू महिलाओं को प्रेम जाल में फंसाने और शादी करने का आरोप शामिल है। इसके साथ ही, आरोप है कि इसके बदले में आर्थिक सहायता भी प्राप्त की गई। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
मामले का विवरण
यह मामला एक मुस्लिम महिला, फरीदा खातून द्वारा अपने पति साइजुद्दीन खान के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत से शुरू हुआ है। फरीदा का कहना है कि साइजुद्दीन ने खुद को अविवाहित बताकर हिंदू महिलाओं को प्रेम संबंधों में फंसाया और उनसे शादी की। अब तक दो हिंदू महिलाओं को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया गया है।
फरीदा, जो केंदरापाड़ा सदर थाना क्षेत्र के नसदीपुर की निवासी हैं, ने बताया कि उनकी शादी 2020 में साइजुद्दीन से हुई थी और उनका एक बच्चा भी है। आरोप है कि बच्चे के जन्म के लगभग दो साल बाद साइजुद्दीन उन्हें छोड़कर चला गया।
पति पर गंभीर आरोप
फरीदा की शिकायत के अनुसार, साइजुद्दीन ने एक हिंदू महिला से शादी की और फिर एक अन्य मुस्लिम महिला से निकाह किया। हाल ही में, उसने एक और हिंदू महिला को प्रेम जाल में फंसाकर शादी कर ली। फरीदा का कहना है कि साइजुद्दीन ने इन सभी मामलों में खुद को अविवाहित बताया, जिससे महिलाओं को धोखा दिया गया।
फरीदा ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम संगठन हिंदू महिलाओं से शादी करने पर प्रति विवाह 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देते हैं। उनका कहना है कि उनके पति को दो हिंदू महिलाओं से शादी करने के बाद कुल 20 लाख रुपये मिले। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि इन आरोपों की जांच की जा रही है।
नया मोड़ और पुलिस की कार्रवाई
मामले में नया मोड़ तब आया जब नागपुरा क्षेत्र की एक महिला के पिता ने पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया और आरोप लगाया कि साइजुद्दीन ने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर हैदराबाद ले जाकर उससे शादी कर ली।
केंदरापाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कटारिया ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और सभी आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद केंदरापाड़ा जिले में स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। कुछ संगठनों ने राज्य सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग की है। फिलहाल, पुलिस जांच जारी है और प्रशासन ने कहा है कि बिना पुष्टि किसी भी आरोप को अंतिम सत्य नहीं माना जाएगा।