कर्नाटक में चौंकाने वाला मामला: 33 साल से इंजन ऑयल पर जीवित व्यक्ति
कर्नाटक का अनोखा वीडियो
कर्नाटक का वायरल वीडियो: दुनिया में कई रहस्यमयी कहानियाँ हैं। हाल ही में कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले से एक चमत्कारी व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसे देखकर आप भी चकित रह जाएंगे। इस व्यक्ति का नाम 'तेल कुमार' है, और वह दावा करता है कि वह पिछले 33 वर्षों से बिना चावल, रोटी या किसी अन्य सामान्य भोजन के जीवन यापन कर रहा है।
इसके बजाय, वह प्रतिदिन 7 से 8 लीटर पुराना इंजन ऑयल और चाय का सेवन करता है। इंस्टाग्राम पर वायरल हुए एक वीडियो में, वह लोगों द्वारा दिए गए खाने को अस्वीकार करते हुए सीधे बोतल से काला इंजन ऑयल पीते हुए नजर आ रहा है। इस पोस्ट में कहा गया है कि इस अनोखे आहार के बावजूद, उसे कभी भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
तेल कुमार की अनोखी जीवनशैली
शिवमोग्गा के निवासी तेल कुमार साधु के रूप में घूमते हैं। वायरल कैप्शन में कहा गया है, "पिछले 33 वर्षों से शिवमोग्गा के तेल कुमार ने सभी को हैरान कर दिया है। उनके दैनिक आहार में 7-8 लीटर वेस्ट इंजन ऑयल और चाय शामिल हैं।" वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि जब लोग उन्हें फल या भोजन देते हैं, तो वह मुस्कुराते हुए इंजन ऑयल की बोतल उठाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह जीवनशैली वैज्ञानिक दृष्टि से असंभव लगती है, फिर भी कुमार स्वस्थ दिखाई देते हैं। उन्होंने कभी गंभीर बीमारी का सामना नहीं किया। यह मामला अब चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एक पहेली बन गया है।
इंजन ऑयल का खतरा
तेल कुमार का मानना है कि उनकी यह अद्भुत क्षमता भगवान अयप्पा की कृपा से संभव है। उनका कहना है कि बिना दैवीय आशीर्वाद के इतने वर्षों तक इस विषैले पदार्थ पर जीवित रहना असंभव होता। सोशल मीडिया पर लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं। कुछ इसे चमत्कार मानते हैं, जबकि कुछ इसे संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं। एक उपयोगकर्ता ने एआई से पूछा कि क्या इंसान इंजन ऑयल पी सकता है, जिसका उत्तर था: "यह घातक हो सकता है।"
इंजन ऑयल क्यों है इतना खतरनाक?
इंजन ऑयल एक पेट्रोलियम उत्पाद है, जो मानव शरीर के लिए अत्यंत विषैला होता है। इसमें कई हानिकारक तत्व होते हैं। पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) जैसे कैंसरकारी यौगिक जलने की प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं, जिनमें बेंजो(ए)पाइरीन प्रमुख है। यह कैलिफोर्निया के प्रोपोजिशन 65 में कैंसर के जोखिम के कारण सूचीबद्ध है। इसके अलावा, इंजन के घिसाव से लोहा, एल्युमीनियम, तांबा और सीसा जैसे भारी धातु मिल जाते हैं।
एडिटिव्स जैसे जिंक डायल्काइल्डिथियोफॉस्फेट (जेडडीटीपी), कैल्शियम अल्काइल फेनेट्स और मैग्नीशियम सल्फोनेट्स लीवर और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दूषित पदार्थ जैसे पानी, कालिख, कार्बन कण और अपूर्ण ईंधन अवशेष भी विषाक्तता बढ़ाते हैं। पॉइजन कंट्रोल के अनुसार, इंजन ऑयल निगलने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। तत्काल अस्पताल जाना आवश्यक होता है।
स्वास्थ्य जोखिम एक चेतावनी
मोटर ऑयल का सेवन लीवर, किडनी, फेफड़े और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हाइड्रोकार्बन और भारी धातुओं से जहर फैलता है, जो कोमा या मृत्यु का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेल कुमार का मामला अपवाद हो सकता है, लेकिन सामान्य व्यक्ति के लिए यह घातक है। यह कहानी आस्था और विज्ञान के बीच की खाई को उजागर करती है।