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कर्नाटक में भाजपा का अनोखा प्रदर्शन: तोते से पूछे गए मुख्यमंत्री बनने के सवाल

कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच चल रहे शक्ति संघर्ष पर एक अनोखा व्यंग्यात्मक प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में तोते से सवाल पूछकर भविष्यवाणी कराई गई कि क्या सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहेंगे। तोते द्वारा उठाए गए कार्डों के माध्यम से भाजपा ने कांग्रेस सरकार की नीतियों पर कटाक्ष किया। जानें इस मजेदार घटना के पीछे की कहानी और राजनीतिक माहौल पर इसके प्रभाव के बारे में।
 

कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ताओं का अनोखा प्रदर्शन


नई दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में बदलाव को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक अनोखा और व्यंग्यात्मक प्रदर्शन किया है, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच कथित शक्ति संघर्ष को लेकर भाजपा ने तोता भविष्यवाणी की तकनीक का सहारा लिया, जो लोगों के लिए मनोरंजन का विषय बन गया।


क्या सिद्धारमैया बने रहेंगे मुख्यमंत्री?
मांड्या में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तोते से पूछा कि क्या सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। तोते ने एक ऐसा कार्ड उठाया जिस पर खाली चंबू का चित्र था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे कांग्रेस सरकार की नीतियों पर कटाक्ष मानते हुए कहा कि लोगों को केवल “खाली चंबू” ही दिया गया है।


तोते ने चुना 'फूलों वाला कार्ड'
जब कार्यकर्ताओं ने तोते से पूछा कि क्या डी.के. शिवकुमार कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो तोते ने इस बार फूलों वाला कार्ड उठाया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस चयन का मजाक उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता को “कानों पर फूल” रखकर बेवकूफ बनाया है और सत्ता संघर्ष के कारण शासन व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है।


भाजपा का कांग्रेस पर हमला
तोते द्वारा चुने गए कार्डों के आधार पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पर तीखा व्यंग्य किया। उनका कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व न तो राज्य की समस्याओं पर ध्यान दे रहा है और न ही सत्ता के बंटवारे को लेकर उपजे मतभेदों को सुलझा पा रहा है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सरकार की नीतियों ने जनता को भ्रमित और असंतुष्ट किया है।


राजनीतिक माहौल पर उठते सवाल
हालांकि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच संभावित रस्साकशी की चर्चाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा का यह व्यंग्यात्मक प्रदर्शन वर्तमान राजनीतिक माहौल का लाभ उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जो जनता का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा है।