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कलेसर नेशनल पार्क में हाथियों का अद्भुत नजारा

कलेसर नेशनल पार्क इस समय हाथियों से भरा हुआ है, जहां पर्यटक इनका अद्भुत नजारा देख रहे हैं। पार्क में जैव विविधता की कोई कमी नहीं है, और वन विभाग ने हाथियों के लिए खाने-पीने की बेहतरीन व्यवस्था की है। जानें इस पार्क की विशेषताएं और यहां के वन्य जीवों के बारे में।
 

यमुनानगर में हाथियों की भरमार

यमुनानगर: कलेसर नेशनल पार्क इस समय हाथियों से भरा हुआ है। जैसे ही सर्दियों में धूप निकलती है, जंगल के खुले क्षेत्रों में हाथियों के झुंड धूप का आनंद लेते और चरते नजर आते हैं। यह दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है, और कई लोग जंगल सफारी के दौरान इन क्षणों को अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं।


वन्य जीवों की विविधता

वन्य जीवों की भरपूर उपस्थिति


कलेसर नेशनल पार्क लगभग 12,000 एकड़ में फैला हुआ है और यहां जैव विविधता की कोई कमी नहीं है। इस पार्क में हाथी, तेंदुआ, सांभर, चिंकारा, हिरण, जंगली सूअर, नीलगाय और अनेक प्रकार के पक्षी निवास करते हैं। वन्य प्राणी इंस्पेक्टर लीलू राम के अनुसार, जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, सुबह की ठंड कम होते ही हाथी खुले मैदानों में निकल आते हैं।


छोटे हाथी इधर-उधर दौड़ते हैं, जबकि बड़े हाथी आराम से घूमते और धूप का आनंद लेते हैं। यह दृश्य देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। शांत और सुरक्षित वातावरण के कारण हाथी बेफिक्र होकर घूमते हैं।


भोजन और पानी की व्यवस्था

खाने-पीने की सुविधाएं


वन विभाग ने कलेसर में हाथियों और अन्य जानवरों के लिए भोजन और पानी की अच्छी व्यवस्था की है। जंगल में कई तालाब और गजलर बनाए गए हैं, जिनमें रोजाना टैंकर से साफ पानी भरा जाता है। इसके अलावा, कई स्थानों पर पानी की पाइपलाइन भी बिछाई गई है, ताकि हाथियों को नहाने और पीने में कोई परेशानी न हो।


इस कारण हाथी जंगल से बाहर गांवों की ओर नहीं जाते। पिछले कुछ वर्षों से कलेसर हाथियों का स्थायी निवास बन चुका है और यह उनका प्राकृतिक माइग्रेशन रूट भी है।


देहरादून के राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल प्रदेश के जंगलों से भी हाथी यहां आते-जाते रहते हैं। वन विभाग की टीम नियमित रूप से गश्त करती है और कैमरा ट्रैप के माध्यम से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखती है।