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कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का सांस्कृतिक जश्न

कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया। विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपने अद्भुत नृत्य और संगीत से ब्रह्मसरोवर के घाटों को जीवंत बना दिया। महोत्सव 5 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई बैचों में कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जानें इस महोत्सव में शामिल होने वाले कलाकारों और उनके कार्यक्रमों के बारे में।
 

कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव का दूसरा दिन

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra Gita Mahotsav Cultural Performance): अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन पर्यटकों की बड़ी संख्या ने पवित्र ब्रह्मसरोवर पर आकर कला और संस्कृति का आनंद लिया। विभिन्न राज्यों के कलाकारों की प्रस्तुतियों ने ब्रह्मसरोवर के घाटों को जीवंत बना दिया।


सुबह से लेकर शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें पर्यटकों ने भरपूर आनंद लिया। रविवार की छुट्टी के कारण बड़ी संख्या में आए शिल्पकारों के चेहरे भी खुशियों से खिल उठे, क्योंकि उन्हें बेहतर कारोबार की उम्मीद थी।


ब्रह्मसरोवर की वातावरण में विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक छटा बिखेरने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र ने छह राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया है। महोत्सव 5 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें एनजेडसीसी के कलाकार लगातार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम को चार बैचों में विभाजित किया गया है ताकि पर्यटकों का मनोरंजन निरंतर बना रहे।


राज्यों के कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां

इन राज्यों के कलाकारों ने बिखेरे जलवे


महोत्सव के दूसरे दिन, हिमाचल प्रदेश के 15 कलाकारों ने लुड्डी नृत्य और गिद्दा, राजस्थान के 11 कलाकारों ने कालबेलिया, लांगा गायन और भवई नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। जम्मू-कश्मीर के 15 कलाकारों ने डोगरी और जागरना, पंजाब के 15 कलाकारों ने भांगड़ा, जिंदवा और झूमर, जबकि उत्तराखंड के 15 कलाकारों ने छपेली और गसीयारी नृत्य प्रस्तुत किए।


इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के 13 कलाकारों ने मानरा नृत्य और अवध की होली का प्रदर्शन किया। पंजाब से बाजीगर ग्रुप और राजस्थान के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें देखकर पर्यटक बेहद खुश हुए। महोत्सव के दौरान 101 कलाकार ब्रह्मसरोवर की फिजा में कला और संस्कृति के रंग बिखेरेंगे।


1 से 5 दिसंबर तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला

1 से 5 दिसंबर तक ये कलाकार भरेंगे रंग


उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चौथे बैच में कलाकार 1 से 5 दिसंबर तक अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इनमें पंजाब के कलाकार झूमर, जम्मू-कश्मीर के कलाकार धमाली और पंजाब का बाजीगर ग्रुप शामिल हैं। इस प्रकार चारों बैचों में लगभग 450 कलाकार अपनी कला के माध्यम से पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे।


25 से 29 नवंबर तक प्रस्तुतियों का कार्यक्रम

25 से 29 नवंबर तक ये रहेंगी प्रस्तुतियां


महोत्सव में 25 से 29 नवंबर तक हिमाचल प्रदेश के कलाकार झमकदा, उत्तराखंड के कलाकार बरसाना की होली और ठाडिया चौफला, महाराष्ट्र के कलाकार सोंगी मुखवाटे, त्रिपुरा के कलाकार होजागिरी, छत्तीसगढ़ के कलाकार पांथी, गौड मारिया और पांडवानी गायन, जम्मू-कश्मीर के कलाकार राउफ और पंजाब के कलाकार गतका की प्रस्तुतियां देंगे।


तीसरा बैच 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के कलाकार डेदिया, मध्यप्रदेश के कलाकार गुडुम बाजा, लद्दाख के कलाकार जबरो और फ्लावर डांस, गुजरात के कलाकार गरबा, झारखंड के कलाकार पुरलिया चाहु, मणिपुर के कलाकार पूंग चूलम, ढोल चूलम और थांगाटा, सिक्किम के कलाकार तमांग सेलो और नेपाली नृत्य, ओडिसा के कलाकार घुगकुडु और संबलपुरी नृत्य और मेघालय के कलाकार वांगला नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे।