कुरुक्षेत्र में बाढ़ की तैयारियों में सरपंचों की भूमिका
सरपंचों को दिए गए निर्देश
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने सभी सरंपचों व ग्राम सचिव को दिए आदेश
कुरुक्षेत्र, हरियाणा में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सरपंचों को आवश्यक तैयारियों का ध्यान रखना होगा। उन्हें जेसीबी, मिट्टी से भरी थैलियां, रस्सी और बैटरियों जैसी सामग्री का प्रबंध करना होगा। इस संबंध में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने सभी सरपंचों और ग्राम सचिवों को लिखित आदेश जारी किए हैं।
मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ा
प्रशासन ने पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण मारकंडा नदी में बाढ़ आने की आशंका जताई है। बाढ़ की स्थिति में गांवों में बिजली, पानी और ठहरने की व्यवस्था का ध्यान सरपंचों को रखना होगा। इस आदेश के जारी होते ही सरपंचों में नाराजगी देखी जा रही है।
मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ा
कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। सुबह करीब 6:30 बजे तक नदी में लगभग 21 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के काला अंब में हुई बारिश के कारण यह स्थिति बनी है। शाहाबाद में मारकंडा नदी का तटबंध सुरक्षित है। हालांकि, अगर नदी में 30 हजार क्यूसेक पानी आता है, तो खतरे की आशंका नहीं है, लेकिन लगातार बारिश से जलस्तर बढ़ सकता है। 2023 में कुरुक्षेत्र, शाहाबाद और बाबैन में आई बाढ़ ने कई लोगों की जिंदगी प्रभावित की थी।
गांवों में बाढ़ का असर
3 गांवों में घुसा पानी, 500 एकड़ से ज्यादा फसल डूबी
शाहाबाद के धंतौड़ी, तंगौर और कठवा गांव में मारकंडा ओवरफ्लो हो गया है, जिससे इन गांवों में पानी भर गया है। खेतों में पानी भरने से किसानों की 500 एकड़ से अधिक फसलें डूब गई हैं। ग्रामीण प्रशासन पर इंतजाम न करने का आरोप लगा रहे हैं।
गांव तंगौर में 4 जगह से घुसा पानी
गांव की सड़कों और गलियों में मारकंडा का पानी तेजी से बह रहा है। ग्रामीण अपने स्तर पर पानी रोकने का प्रयास कर रहे हैं। तंगौर गांव में 4 स्थानों से पानी अंदर घुसा है, जहां ग्रामीण उसे रोकने के लिए बंध बना रहे हैं। हालांकि, अगर पहाड़ों पर बारिश होती है, तो जलस्तर और बढ़ जाएगा।
अन्य गांवों को भी खतरा
इन गांवों को भी खतरा
जलस्तर बढ़ने से मलिकपुर, गुमटी, मुगल माजरा, कलसाना, अरुप नगर, बाजीगर कॉलोनी और मारकंडा कॉलोनी में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। यदि बाढ़ आती है, तो ये इलाके सबसे पहले प्रभावित होंगे।