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कुरुक्षेत्र में मौसम में बदलाव और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं

कुरुक्षेत्र में मौसम में अचानक बदलाव आया है, जिसमें तापमान में गिरावट और बारिश शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दिनों में तापमान और भी कम होगा। साथ ही, चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि हो रही है, जबकि डेंगू और मलेरिया के मरीज भी बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की जांच के लिए टीमें तैनात की हैं। जानें इस मौसम और स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
 

कुरुक्षेत्र का मौसम

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra Weather)। मंगलवार की शाम पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में अचानक बदलाव आया। लगभग सात बजे तेज हवा चलने लगी। इसके कुछ समय बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई, जो करीब एक घंटे तक जारी रही। बारिश के बाद तापमान में तीन डिग्री की गिरावट आई, जिससे वातावरण में ठंडक का अनुभव हुआ।


तापमान में गिरावट की संभावना

दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि बुधवार से तापमान में निरंतर गिरावट आएगी। अगले सप्ताह में अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच सकता है, जिससे लोगों को सर्दी का अनुभव होगा।


प्रदूषण में कमी

बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में कमी आने की उम्मीद है। वर्तमान में हवा में प्रदूषण का स्तर 180 तक है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बारिश के कारण वातावरण में मौजूद प्रदूषण के कण साफ हो जाएंगे, जिससे हवा में सुधार होगा।


चिकनगुनिया का खतरा

डेंगू और मलेरिया के मामलों के बाद अब जिले में चिकनगुनिया का एक मामला सामने आया है। पिछले साल जिले में चिकनगुनिया के तीन मरीज मिले थे। 2016 में सर्वाधिक 31 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2017 से 2023 तक कोई मामला नहीं आया।


डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं

जिले में डेंगू के 43 और मलेरिया के चार मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम रोजाना 60 से 70 स्थानों पर डेंगू के मच्छर के लार्वा की जांच कर रही है। पिछले पांच दिनों में 464 स्थानों पर लार्वा पाया गया है। विभाग ने अब तक 1382 लोगों को नोटिस जारी किया है। पिछले वर्ष जिले की 10 कॉलोनियों को डेंगू हॉट स्पॉट घोषित किया गया था।


चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और दाने शामिल हैं। अधिकांश लोग कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में जोड़ों का दर्द लंबे समय तक बना रह सकता है।


स्वास्थ्य जांच अभियान

स्वास्थ्य विभाग की 135 टीमें जिले में लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं। ये टीमें डोर टू डोर जाकर रोजाना छह हजार घरों में लार्वा की जांच कर रही हैं और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह भी दे रही हैं।