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क्या सौरभ ने सच में नहीं की स्नेहा की हत्या? आत्महत्या के पीछे का रहस्य जानिए

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में सौरभ की आत्महत्या ने स्नेहा की हत्या के मामले को और जटिल बना दिया है। सौरभ पर नाबालिग प्रेमिका स्नेहा की हत्या का आरोप था, लेकिन उसकी मौत के बाद एक रहस्यमय संदेश ने सबको चौंका दिया। क्या सौरभ बेगुनाह था? इस मामले में पुलिस की जांच और सौरभ के परिवार के आरोपों ने स्थिति को और उलझा दिया है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और सच्चाई की खोज में क्या हो रहा है।
 

संदिग्ध आत्महत्या का मामला


नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर और आजमगढ़ से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अंबेडकरनगर के निवासी सौरभ ने आजमगढ़ के अतरौलिया क्षेत्र में एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। उस पर अपनी नाबालिग प्रेमिका स्नेहा की हत्या का आरोप था। पुलिस उसकी खोज में थी, लेकिन 24 दिसंबर को उसका शव नंदना गांव में फंदे से लटका मिला। इस घटना ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है।


हत्या के आरोप में फरार सौरभ

सौरभ अंबेडकरनगर के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के पदुमपुर गांव का निवासी था। उस पर आरोप था कि उसने आजमगढ़ की नाबालिग लड़की स्नेहा की हत्या की है। स्नेहा 2 दिसंबर को अचानक लापता हो गई थी। उसके परिजनों की शिकायत पर 4 दिसंबर को उसकी गुमशुदगी दर्ज की गई, लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। लगभग 17 दिन बाद, 21 दिसंबर को स्नेहा का शव उसके घर से महज 100 मीटर की दूरी पर मिला, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।


आखिरी संदेश ने बढ़ाई उलझन

सौरभ की मौत के बाद उसका आखिरी मैसेज चर्चा का विषय बन गया है। आत्महत्या से पहले उसने अपनी पैंट की जेब पर लिखा कि उसने स्नेहा की हत्या नहीं की है। उसने स्नेहा का मोबाइल नंबर भी लिखा था। इस संदेश ने पूरे मामले को रहस्यमय बना दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि अगर सौरभ बेगुनाह था, तो स्नेहा की हत्या किसने की?


पुलिस की जांच पर सवाल

इस मामले ने राजेसुल्तानपुर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्नेहा के गायब होने के बाद 15 दिनों तक पुलिस उसे तलाश नहीं पाई, जबकि उसका शव उसके घर के बेहद करीब मिला। अब मुख्य आरोपी माने जा रहे सौरभ की मौत के बाद सच्चाई तक पहुंचना पुलिस के लिए और भी कठिन हो गया है। लोगों का सवाल है कि अगर समय रहते जांच तेज होती, तो शायद स्थिति कुछ और होती।


परिजनों का उत्पीड़न का आरोप

सौरभ की आत्महत्या के बाद उसके परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रही थी और मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। उनका दावा है कि इसी दबाव के चलते सौरभ ने यह कदम उठाया। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।


जांच का भरोसा, जवाबों का इंतजार

आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण चिराग जैन और आलापुर के क्षेत्राधिकारी प्रदीप सिंह चंदेल ने मामले की गहराई से जांच का भरोसा दिलाया है। हालांकि, अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर सौरभ ने स्नेहा की हत्या नहीं की, तो असली हत्यारा कौन है? इस सवाल का जवाब न सिर्फ पुलिस, बल्कि पूरा इलाका तलाश रहा है। यह मामला अब सिर्फ एक हत्या या आत्महत्या नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई की खोज बन गया है।