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गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर विशेष कीर्तन दरबार: केजरीवाल और मान ने दी श्रद्धांजलि

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने भाग लिया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने गुरु साहिब की शहादत और उनके द्वारा स्थापित मानवता के मूल्यों को याद किया। केजरीवाल ने गुरु साहिब की अद्वितीय शहादत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी। कार्यक्रम में गुरु साहिब के परिवार के बलिदानों और लंगर सेवा की परंपरा पर भी चर्चा की गई। जानें इस विशेष आयोजन की सभी महत्वपूर्ण बातें।
 

विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन


पंजाब: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर श्रीनगर के गुरुद्वारा श्री चट्टी पातशाही साहिब में एक विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान समेत कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने गुरु साहिब की शहादत और उनके द्वारा स्थापित मानवता के मूल्यों को याद किया।


गुरु तेग बहादुर साहिब की अद्वितीय शहादत

गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को बताया अद्वितीय
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी धर्म या इतिहास में गुरु तेग बहादुर साहिब जैसी शहादत का उदाहरण नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए गुरु साहिब ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसका उद्देश्य मानवता, धर्म और सत्य की रक्षा करना था। केजरीवाल ने बताया कि श्रीनगर से यात्रा 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगी और लोगों से अपील की कि वे इस पवित्र आयोजन में शामिल हों।


श्रीनगर में केजरीवाल का पहला दौरा

पहली बार श्रीनगर आगमन पर केजरीवाल की भावनाएं
केजरीवाल ने कहा कि उनका यह पहला दौरा आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत खास है, क्योंकि उन्हें इस पवित्र स्थान के दर्शन का अवसर मिला। उन्होंने गुरु तेग बहादुर साहिब को 'हिंद की चादर' और 'शहीदों का सरताज' कहकर नमन किया और कहा कि उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।


कश्मीरी पंडितों की पीड़ा

कश्मीरी पंडितों की पीड़ा और गुरु साहिब का त्याग
केजरीवाल ने अपने भाषण में बताया कि उस समय कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार बढ़ रहे थे और वे सहायता की तलाश में आनंदपुर पहुंचे। गुरु साहिब ने उनकी पीड़ा को समझा और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हमें इस इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए ताकि वे समझ सकें कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए क्या साहस चाहिए।


मुख्यमंत्री मान का संबोधन

CM मान ने गुरु साहिब के जीवन और बलिदान को याद किया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका सफर प्रेरणादायक है। उन्होंने बताया कि भाई जैता जी ने कठिन परिस्थितियों में गुरु साहिब का शीश दिल्ली से पंजाब पहुंचाया। मान ने कहा कि इन घटनाओं को समझाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।


गुरु साहिब के परिवार का बलिदान

गुरु साहिब के परिवार का अप्रतिम त्याग
मान ने कहा कि गुरु साहिब के परिवार ने जितने बलिदान दिए, वैसी मिसाल कहीं नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि अब पंजाब सरकार गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन और शिक्षाओं को पाठ्यक्रम में शामिल कर रही है।


लंगर सेवा की परंपरा

लंगर सेवा की परंपरा और मानवता का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब द्वारा दी गई लंगर परंपरा मानवता की सेवा का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पंजाब सरकार ने उन गांवों की पहचान की है जहां गुरु साहिब ने अपने चरण रखे थे और वहां विकास कार्यों के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
भगवंत मान ने कहा कि सत्य बोलना सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने बताया कि गुरु साहिब ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि सत्य के लिए खड़े होने में कभी झिझक नहीं होनी चाहिए।


आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा

आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब में 23 से 25 नवंबर तक कई ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 22 नवंबर को कीर्तन जत्थे पहुंचेंगे, 23 को सर्वधर्म सम्मेलन और अखंड पाठ होंगे, जबकि 24 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा।