गुरुग्राम में अपराधों में कमी: 2025 में पुलिस की सख्त कार्रवाई का असर
गुरुग्राम पुलिस की रिपोर्ट
गुरुग्राम पुलिस द्वारा वर्ष के अंत में जारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में शहर में कई प्रमुख अपराधों में कमी आई है। इस दौरान, पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए 104 आपराधिक गिरोहों का पर्दाफाश किया, 279 अपराधियों को गिरफ्तार किया और 1.66 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी की संपत्ति बरामद की।
अपराधों पर नियंत्रण
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लगातार चलाए गए विशेष अभियानों और सख्त निगरानी के कारण अपराधों पर नियंत्रण संभव हो पाया है। आंकड़ों के अनुसार, गैर-इरादतन हत्या के मामले 2024 में सात थे, जो 2025 में घटकर छह रह गए। हत्या के प्रयास के मामलों में भी मामूली गिरावट देखी गई, जो 263 से घटकर 255 हो गए। गंभीर चोट से जुड़े मामलों में भी कमी आई है। हालांकि, हत्या के मामलों की संख्या दोनों वर्षों में समान रही और 93 मामलों पर स्थिर बनी रही।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी
महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी
महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों में भी गिरावट आई है। बलात्कार के मामलों की संख्या 2024 में 186 थी, जो 2025 में घटकर 148 रह गई। वहीं, पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में भी कमी आई है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में कमी के बावजूद सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
सड़क अपराध और वाहन चोरी में गिरावट
सड़क अपराध और वाहन चोरी में बड़ी गिरावट
सड़क अपराधों में सबसे अधिक सुधार देखने को मिला। डकैती के मामले 94 से 67, छीना-झपटी की घटनाएं 221 से घटकर 167 और चोरी के मामले 1,311 से घटकर 1,230 हो गए। वाहन चोरी के मामलों में भी लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही जुए से जुड़े मामलों में भी 400 से घटकर 248 रह गए।
संगठित गिरोहों पर कार्रवाई
संगठित गिरोहों पर सख्त कार्रवाई
पुलिस ने डकैती, लूटपाट, चोरी और वाहन चोरी में शामिल 80 से अधिक गिरोहों का भंडाफोड़ किया। इन कार्रवाइयों के दौरान सैकड़ों मामलों को सुलझाया गया और लाखों रुपये की संपत्ति बरामद की गई। खास तौर पर वाहन चोरी गिरोहों से सबसे अधिक बरामदगी हुई। इसके अलावा, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और एटीएम धोखाधड़ी जैसे मामलों में शामिल गिरोहों पर भी सख्त कार्रवाई की गई।
साइबर अपराध में कमी
साइबर अपराध में नुकसान घटा, कार्रवाई बढ़ी
साइबर अपराध के मामलों में आर्थिक नुकसान में कमी आई है। वर्ष 2025 में लोगों को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 346 करोड़ रुपये था। हालांकि, साइबर अपराध से जुड़े मामलों में पुलिस की सक्रियता बढ़ी है और बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
रोकथाम के तहत पुलिस ने साइबर अपराधियों से जुड़ी कई अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने कहा कि अब रणनीति केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि अपराधियों की आर्थिक और संरचनात्मक ताकत को तोड़ना प्राथमिकता है।