चंडीगढ़ में बारिश का रिकॉर्ड: सामान्य से 32.3 प्रतिशत अधिक वर्षा
मॉनसून का प्रभाव: चंडीगढ़ में बारिश का दौर
एक जून से बारिश का सिलसिला जारी, 15 सितंबर तक सक्रिय रहने की उम्मीद
चंडीगढ़। इस वर्ष देश में मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी है, जिसके चलते सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। उत्तर भारत, विशेषकर पंजाब और चंडीगढ़ में भी यही स्थिति देखी गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, चंडीगढ़ में इस साल सामान्य से 32.3 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, और बारिश का कुल आंकड़ा एक हजार एमएम को पार कर चुका है।
हाल के दिनों में लगातार बारिश ने शहरवासियों के लिए समस्याएं बढ़ा दी हैं। पिछले 24 घंटों में 9.3 एमएम वर्षा हुई। शनिवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिसमें अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना जताई है।
पंजाब में फसलों को भारी नुकसान
पंजाब में बाढ़ से फसलों का नुकसान बढ़ता जा रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,74,454 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन में फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, हजारों पशुपालकों के पशु बाढ़ में बह गए हैं या डूबने से उनकी मौत हो गई है। बाढ़ ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर भी गंभीर प्रभाव डाला है।
बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46
पंजाब में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पाठनकोट से लापता तीन लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। अमृतसर में सात, बरनाला में पांच, बठिंडा में चार, होशियारपुर में सात, गुरदासपुर में दो, लुधियाना में चार, पठानकोट में छह, मानसा में तीन, रूपनगर और मोहाली में दो-दो तथा फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला और संगरूर में एक-एक व्यक्ति की जान जा चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे।
वह सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए आ रहे हैं। पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान भी पंजाब का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के पहले गुरदासपुर आने की संभावना है, जहां रावी नदी से छोड़े गए पानी ने तबाही मचाई है। इसके अलावा, वह अमृतसर और तरनतारन के क्षेत्रों का भी हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।