छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए आवास योजना का लाभ
नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए आवास निर्माण
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस दिशा में, नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास हेतु एक विशेष परियोजना के तहत लगभग तीन हजार आवासों का निर्माण किया जा रहा है। केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध के बाद, उन परिवारों के लिए 15 हजार आवासों को मंजूरी दी गई है, जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता में नहीं आ पा रहे थे।
आवास निर्माण की प्रगति
इस विशेष परियोजना के अंतर्गत, अब तक पांच हजार परिवारों में से तीन हजार के लिए आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 2111 परिवारों को निर्माण के लिए पहली किस्त और 128 परिवारों को दूसरी किस्त भी जारी की जा चुकी है। सुकमा और कांकेर जैसे क्षेत्रों में, जहां नक्सल हिंसा का प्रभाव है, आवासों का निर्माण तेजी से हो रहा है।
परिवारों में खुशियों की वापसी
बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए यह विशेष परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, इन परिवारों के सपनों का घर तेजी से आकार ले रहा है। कांकेर जिले के उलिया ग्राम पंचायत में रहने वाली दसरी बाई का आवास मात्र तीन महीनों में तैयार हुआ है, जो इस परियोजना की सफलता को दर्शाता है।
सरकार की संवेदनशीलता
दसरी बाई ने बताया कि निर्माण में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत की मदद से आवास का निर्माण समय पर पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने नक्सल पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक प्रभावी नीति बनाई है।
सुकमा में आवासों की स्वीकृति
सुकमा जिले में सर्वाधिक 984 परिवारों को आवास स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए यह विशेष परियोजना एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह परियोजना केवल निर्माण नहीं, बल्कि विश्वास और स्थायित्व की नींव है।