जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी: आतंकवाद से जुड़े आरोप
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीन सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई में एक पुलिस कांस्टेबल, एक स्कूल शिक्षक और एक लोक निर्माण विभाग का अधिकारी शामिल हैं। यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत उठाया गया है, जो सरकार को बिना जांच के बर्खास्तगी का अधिकार देता है। प्रशासन का उद्देश्य ऐसे तत्वों को हटाना है जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। जानें इस कार्रवाई के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की आगे की योजनाएं।
Jun 4, 2025, 10:54 IST
जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जिन पर आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। यह कदम क्षेत्र में सरकार की सख्ती को दर्शाता है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में एक पुलिस कांस्टेबल, एक स्कूल शिक्षक और लोक निर्माण विभाग (PWD) का एक अधिकारी शामिल हैं। यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एकत्रित जानकारी और डेटा के आधार पर की गई है।बर्खास्तगी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(c) के तहत की गई है, जो सरकार को राज्य की सुरक्षा के हित में बिना किसी जांच के सरकारी कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त करने का अधिकार देती है। यह कदम जम्मू-कश्मीर में उन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है, जिन पर अलगाववादी गतिविधियों में संलिप्तता, आतंकवादियों की सहायता या राष्ट्र विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने का संदेह है।
प्रशासन का उद्देश्य ऐसे तत्वों को सार्वजनिक सेवाओं से हटाना है ताकि शासन व्यवस्था को सुरक्षित और स्वच्छ बनाया जा सके। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राष्ट्र विरोधी ताकतों से जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।